मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत, स्नान और दान मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होता है. इस दिन व्रत रखकर सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं और कथा सुनते हैं. रात के समय में चंद्रमा को जल से अर्घ्य देते हैं. धन और वैभव की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. इस दिन गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य प्राप्त होता है. दान करने से भी लाभ मिलता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा कब है? मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर स्नान दान का मुहूर्त और महत्व क्या है?
मार्गशीर्ष पूर्णिमा तारीख 2024
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 14 दिसंबर दिन शनिवार शाम 4 बजकर 58 मिनट से मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि शुरू होगी. इस तिथि का समापन 15 दिसंबर रविवार को दोपहर 2 बजकर 31 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि 16 दिसंबर को है.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत 2024
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत 15 दिसंबर रविवार को रखा जाएगा क्योंकि पूर्णिमा का चंद्रोदय इस तारीख को ही हो रहा है, 16 दिसंबर को प्रतिपदा का चंद्रोदय होगा.
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मार्गशीर्ष पूर्णिमा का स्नान-दान 2024
इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा का स्नान और दान 16 दिसंबर को उदयातिथि में होगा. उस दिन आप गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद दान करें.
शुभ योग में है मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत 2024
इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत के दिन शुभ योग बन रहा है. शुभ योग प्रात:काल से लेकर अगले दिन 16 दिसंबर को 02:04 ए एम तक रहेगा. उसके बाद शुक्ल योग होगा. वहीं मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर मृगशिरा नक्षत्र है, जो 16 दिसंबर को 02:20 ए एम तक है. उसके बाद आर्द्रा नक्षत्र है.
शुक्ल योग में होगा मार्गशीर्ष पूर्णिमा स्नान
इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा का स्नान और दान शुक्ल योग में होगा. उस दिन शुक्ल योग रात 11 बजकर 23 मिनट तक रहेगा.
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मार्गशीर्ष पूर्णिमा स्नान-दान मुहूर्त 2024
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर स्नान और दान का शुभ समय 05:18 ए एम से 06:12 ए एम तक है. यह ब्रह्म मुहूर्त है, जो स्नान के लिए उत्तम माना जाता है. हालांकि आप सूर्योदय से लेकर दिनभर स्नान-दान कर सकते हैं. उस दिन का अभिजीत मुहूर्त 11:56 ए एम से 12:38 पी एम तक है.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर कब निकलेगा चांद?
मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत के दिन चंद्रोदय शाम को 5 बजकर 14 मिनट पर होगा. जो लोग व्रत रखेंगे, वे चंद्रमा को अर्घ्य तब दें, जब वह पूर्ण रूप से उदित होकर चमक रहा हो.
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FIRST PUBLISHED : November 28, 2024, 10:29 IST