gurmeet choudhary:नेटफ्लिक्स पर इन दिनों वेब सीरीज ये काली काली आंखें का दूसरा सीजन स्ट्रीम कर रहा है . इस सीजन अभिनेता गुरमीत चौधरी की इस शो में एंट्री हुई है . वह खुश हैं कि वेब सीरीज फॉर्मेट में उनकी शुरुआत इतने बड़े प्लेटफार्म और लोकप्रिय शो से हुई है। इस सीरीज से उनके जुड़ाव और तैयारियों पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत
आपकी इस सीरीज में नयी एंट्री हुई है, क्या नर्वस थे?
मैं लॉकडाउन के दौरान से ही इस सीरीज का प्रशंसक रहा हूं लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं सीजन 2 का हिस्सा बनूंगा.यह चुनौतीपूर्ण था क्योंकि मैं शो से नया जुड़ा था और बाकी सभी अनुभवी थे. यह चुनौतीपूर्ण है लेकिन मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है और कड़ी मेहनत की. मैं पहली बार सिद्धार्थ सर से मिला और मैंने कहा कि मुझे यह करना है. नेटफ्लिक्स के शो से ओटीटी में शुरुआत इससे अच्छी बात क्या हो सकती है.मैंने अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ किरदार निभाया है. मेरी स्टाइलिंग भी अलग है.
हमने हमेशा आपके काम के प्रति आपका समर्पण देखा है, सीरीज के किए क्या सीखा और भूलना पड़ा ?
इस सीरीज में सभी अच्छे कलाकार हैं.मुझे लगेगा कि मुझे अभिनय नहीं करना चाहिए और नेचुरल ही रहना चाहिए. अब तक मैंने बहुत एक्शन और ड्रामा किया है लेकिन यह दुनिया मेरे लिए नई थी और मुझे लगा कि मुझे अभिनय नहीं करना चाहिए बल्कि जितना स्वाभाविक हूं उतना स्वाभाविक रहना चाहिए। डायरेक्टर सर ने मुझे बहुत कुछ सिखाया, मेरे लुक से लेकर मेरी चाल तक उन्होंने हर चीज़ पर कड़ी मेहनत की. जब मैं सेट पर आया तो घबराया हुआ था. शुरुआत में ही उन्होंने अहम सीन शूट किए. उन्होंने पहले दिन सबसे कठिन सीन 12 पेज का सीन शूट किया था. थैंक गॉड मैंने वह कर दिया था.
क्या किसी दृश्य के लिए रिटेक भी करना पड़ा?
(हंसते हुए ) निर्देशक सिद्धार्थ सेनगुप्ता मेरे पहले दृश्य से नाखुश थे.जहां मैं पूछता हूं कि पूर्वा कहां है. वो मेरी एक्सप्रेशन से खुश नहीं थे. वह चाहता थे कि मैं इसे दोबारा करूं. मुझे ख़ुशी थी कि वह मुझे बेहतर करने के लिए प्रेरित कर रहे थे.उन्होंने मुझे बहुत पुश किया और मैंने इसको बहुत एन्जॉय किया.आपको उनके जैसे निर्देशकों की जरूरत है जो एक्टर्स से सर्वश्रेष्ठ निकालने की कोशिश करें. मैंने इस शो के लिए अपनी डायलॉग डिलीवरी पर काम किया है.
क्या आप अपने करियर से संतुष्ट हैं?
मेरे पिता सेना में थे.जब मैं 10 साल का था तो मैंने बच्चों को डॉक्टर या इंजीनियर बनने का सपना देखते देखा था. मैं अभिनय करना चाहता था और 16 साल की उम्र में, मैं मुंबई आया और 24 साल की उम्र में सेट पर अभिनय सीखने के लिए छोटी – छोटी भूमिकाएँ निभाईं, रामायण मेरा पहला ब्रेक था. मैं हर दिन खुद को बेहतर बनाना चाहता हूं. मैं खाली नहीं बैठ सकता मुझे हर दिन खुद पर काम करते रहना पड़ता है.
जब आपने रामायण किया था तब आप बहुत युवा थे,ऑफ स्क्रीन अनुभव को किस तरह परिभाषित करेंगे ?
हाँ, मैं उस समय केवल 24 वर्ष का था. भगवान राम की भूमिका निभाने के लिए मुझे परिपक्वता की आवश्यकता थी और मैं और देबीना दोनों ही बहुत छोटे थे.उस शो का मेरी निजी जिंदगी पर भी गहरा असर था.देबिना ने साउथ की फिल्में की थीं और मुझे उन्हें यह रोल करने के लिए लालच देना पड़ा और उनसे कहा कि नॉर्थ में लोग उन्हें नहीं जानते हैं उन्हें यह शो करना चाहिए.मैं चाहता था कि देबीना के साथ मैं समय बिता सकूं. वैसे यह भूमिका बहुत ज़िम्मेदारी के साथ आई और मैंने कभी धूम्रपान या शराब नहीं पिया क्योंकि मुझे बड़ी ज़िम्मेदारी महसूस हुई थी. आज भी जब मैं अपने दोस्तों को सिगरेट या शराब के गिलास के साथ मेरी तस्वीरें डालते देखता हूं तो मैं उनसे कहता हूं कि इसे हटा दें क्योंकि इससे मेरे प्रशंसकों पर असर पड़ेगा। जब मैं छोटा था तो मैंने हमेशा सितारों को हाथ में शराब गिलास या सिगरेट लिए देखता था तो महसूस करता था कि वे कूल दिखते हैं. रामायण करने के बाद मेरा नजरिया ही बदल गया था. अब तो कोई और स्मोक या ड्रिंक कर रहा है और मैं भी वहां मौजूद हूं तो मैं उन तस्वीरों को पोस्ट होने नहीं देता हूं.
उसके बाद आपने कभी कोई पौराणिक भूमिका नहीं की?
( हंसते हुए )आप अपने बॉयफ्रेंड को भी हर रोज एक जैसे कपड़ों में नहीं देख सकतीं हैं. यह उबाऊ हो जाता है. मैं यह सुनिश्चित करता हूं कि मैं अलग-अलग तरह की भूमिकाएं करूंगा, नहीं तो दर्शक मुझे एक जैसी भूमिकाओं में देखकर बोर हो जाएंगे.
क्या इतने लंबे समय तक टिके रहना मुश्किल था?
कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है. कुछ पाना है तो इससे होकर गुजरना होगा.