Monday, November 18, 2024
HomeReligionकब है उत्पन्ना एकादशी? 3 शुभ योग में व्रत, जानें मुहूर्त, पारण...

कब है उत्पन्ना एकादशी? 3 शुभ योग में व्रत, जानें मुहूर्त, पारण समय और महत्व

उत्पन्ना एकादशी का व्रत मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखते हैं. इस बार उत्पन्ना एकादशी के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं. व्रत वाले दिन हस्त नक्षत्र है. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु और देवी एकादशी की पूजा करने का विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि को देवी एकादशी की उत्पत्ति हुई थी, इसलिए इसे उत्पन्ना एकादशी एकादशी कहते हैं. इस व्रत और पूजा से पाप मिटेंगे, पुण्य और मोक्ष प्राप्त होगा. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि उत्पन्ना एकादशी कब है? पूजा मुहूर्त, पारण समय क्या है?

उत्पन्ना एकादशी तारीख 2024
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल 26 नवंबर मंगलवार को मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकदशी तिथि 1 बजकर 1 एएम से शुरू हो रही है. इस तिथि का समापन अगले दिन 27 नवंबर बुधवार को तड़के 3 बजकर 47 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी व्रत 26 नवंबर मंगलवार को है.

यह भी पढ़ें: 3 शुभ योग में शुरू हो रहा मार्गशीर्ष माह, भगवान श्रीकृष्ण को है प्रिय, जानें अगहन में व्रत-पूजा के नियम

3 शुभ योग में उत्पन्ना एकादशी 2024
इस साल उत्पन्ना एकादशी पर 3 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. प्रीति योग प्रात:काल से शुरू होगा और दोपहर 2 बजकर 14 मिनट पर खत्म होगा. उसके बाद से आयुष्मान योग बनेगा, जो अगले दिन दोपहर तक रहेगा. एकादशी तिथि में द्विपुष्कर योग 27 नवंबर को प्रात: 4 बजकर 35 मिनट से सुबह 6 बजकर 54 मिनट तक है. उत्पन्ना एकादशी पर हस्त नक्षत्र प्रात:काल से लेकर 27 नवंबर को प्रात: 4 बजकर 35 मिनट तक है. उसके बाद से चित्रा नक्षत्र है.

उत्पन्ना एकादशी 2024 मुहूर्त
उत्पन्ना एकादशी पर ब्रह्म मुहूर्त 05:05 ए एम से 05:59 ए एम तक है. उस दिन का शुभ समय यानी अभिजीत मुहूर्त दिन में 11 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक है. उत्पन्ना एकादशी की पूजा आप प्रीति योग में करें. व्रत के दिप लाभ-उन्नति मुहूर्त सुबह 10:49 बजे से दोपहर 12:08 बजे तक है. वहीं अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त दोपहर 12:08 बजे से 01:27 बजे तक है.

यह भी पढ़ें: वृश्चिक में होगा सूर्य गोचर, 4 राशिवाले रहें सावधान, धन हानि, दुर्घटना, बुरी खबर करेगी परेशान!

उत्पन्ना एकादशी 2024 पारण समय
यदि आप 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखते हैं तो आप व्रत का पारण 27 नवंबर बुधवार को दोपहर में 1 बजकर 12 मिनट से 3 बजकर 18 मिनट के बीच कभी भी कर सकते हैं. उत्पन्ना एकादशी पारण के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय सुबह 10 बजकर 26 मिनट है.

उत्पन्ना एकादशी का महत्व
पौराणिक कथा के अनुसार, मार्गशीर्ष एकादशी तिथि को मुर राक्षस योग निद्रा में लीन भगवान विष्णु पर प्रहार करने वाला था, तभी देवी एकादशी प्रकट हुईं और उन्होंने मुर से युद्ध किया और उसका अंत कर दिया. इस दिन देवी एकादशी की उत्पत्ति हुई, इस वजह से इस एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा गया. जो लोग एकादशी व्रत का प्रारंभ करना चाहते हैं, वे उत्पन्ना एकादशी से एकादशी व्रत शुरू कर सकते हैं. भगवान विष्णु की कृपा से पाप मिटते हैं और जीवन के अंत में उनके श्री चरणों में स्थान मिलता है.

Tags: Dharma Aastha, Lord vishnu, Utpanna ekadashi


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular