Why we should not burn incense sticks in home temple: हिंदू धर्म में भगवान की पूजा-पद्धति का विधान विस्तार से ग्रंथों में बताया गया है. लेकिन आज सोशल मीडिया के जमाने में कई तरह की ऐसी जानकारियां हैं जो सोशल मीडिया पर वायरल होती हैं. इनमें से कुछ जानकारी सिर्फ व्यू पाने के लिए बनाई जाती है. ऐसे में पूजा के विधि-विधान को लेकर अक्सर कई तरह की बातें सामनें आती रहती हैं. ऐसा ही एक सवाल है जो लोग अक्सर पूछते हैं कि क्या हिंदुओं को पूजा में अगरबत्ती जलानी चाहिए? ऐसा करने से क्यों मना किया जाता है? आइए जानते हैं ज्योतिष पीठ के जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का इस बारे में क्या कहना है.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से एक व्यक्ति ने सवाल पूछा, ‘अगरबत्ती से भगवान् की पूजा करना उचित है?’ इसपर उन्होंने बताया, ‘देखिए अगरबत्ती अलग चीज होती है. ‘अगर’ नाम का हमारे यहां एक वनस्पती होता है. उससे जो बत्ती बनती है, उसे अगरबत्ती कहते हैं. तो उसमें कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन अगरबत्ती में बीच में जो बांस की खपच्ची डाली जाती है, वह हमारे यहां प्रयोग नहीं होती है.’
शंकराचार्य आगे कहते हैं, ‘हमारे यहां बिना बांस की खपच्ची के जो अगर होती है, जिसे हम धूपबत्ती कहते हैं, वह प्रयोग होती है. इसी धूप को लेकर भगवान के पूजा-उपचारों में प्रयोग करना चाहिए. ये तो बांस की खपच्ची में इस्तेमाल होता है, ये इस्लामिक पद्धति है, इसे हमारे यहां प्रयोग नहीं किया जाता है.’
जानें क्या हिंदुओं को पूजा में अगरबत्ती जलानी चाहिए?
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से पहले कई और धर्मगुरू भी इसपर अपनी बात कर चुके हैं. प्रसिद्ध कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर भी इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि अगरबत्ती पूरी तरह बिजनेसमैनों की देन है. इसका ग्रंथों में कहीं जिक्र नहीं है. उन्होंने अपनी कथा के दौरान इस बात का जिक्र किया था कि हिंदू धर्म में बांस नहीं जलाया जाता. अगरबत्ती में बांस होता है, इसलिए इसे पूजा में जलाना उपयुक्त नहीं है. जिनके घर में बांस जलता है, वहां रोग आते हैं, भूतपिशाच आते हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 14, 2024, 14:36 IST