Friday, November 15, 2024
HomeReligionBudh Pradosh katha: बुध प्रदोष व्रत आज, शाम के समय शिव पूजा...

Budh Pradosh katha: बुध प्रदोष व्रत आज, शाम के समय शिव पूजा में पढ़ें ये कथा, भोलेनाथ का मिलेगा आशीर्वाद.!

Budh Pradosh Vrat katha: सनातन धर्म में हर महीने कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस समय कार्तिक मास चल रहा है. इसलिए कार्तिक माह का दूसरा प्रदोष व्रत कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी तिथि यानी 13 नवंबर 2024 को है. इस बार बुध प्रदोष व्रत के दिन सिद्धि योग और रेवती नक्षत्र का संयोग बना है. इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा का विधान है. मान्यता है कि, प्रदोष व्रत और शिव पूजा करने से व्यक्ति के कष्ट, रोग, दोष आदि दूर होते हैं. शिव कृपा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. हालांकि, शिव की शाम को होने वाली पूजा में व्रत कथा जरूर पढ़ना चाहिए. अब सवाल है कि आखिर बुध प्रदोष व्रत 2024 का शुभ मुहूर्त क्या है? क्या है बुध प्रदोष व्रत कथा? इस बारे में News18 को बता रहे हैं उन्नाव के ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र शास्त्री-

बुध प्रदोष व्रत 2024 मुहूर्त

13 नवंबर को बुध प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 28 मिनट से प्रारंभ है, जो रात 8 बजकर 7 मिनट तक है. व्रती को इस समय में भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा कर लेनी चाहिए. प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा शाम के समय ही करते हैं. प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 42 मिनट पर है. उस दिन का सूर्यास्त शाम को 5 बजकर 28 मिनट पर होगा. उसके बाद से प्रदोष काल शुरू होगा. बुध प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:56 ए एम से 05:49 ए एम तक है. उस दिन अभिजीत मुहूर्त कोई नहीं है. प्रदोष व्रत का निशिता मुहूर्त रात 11 बजकर 39 मिनट से देर रात 12 बजकर 32 मिनट तक है.

बुध प्रदोष व्रत की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक पुरुष का नया-नया विवाह हुआ. विवाह के दो दिन बाद उसकी पत्नी मायके चली गई. कुछ दिनों के बाद वह पुरुष अपनी पत्नी को वापस लेने के लिए गया. बुधवार को जब वह पत्नी को लेकर लौटने लगा तब ससुराल पक्ष ने उसे रोकने की कोशिश की, कहा विदाई के लिए बुधवार शुभ नहीं होता. लेकिन वह नहीं माता और पत्नी के साथ बैलगाड़ी में चल पड़ा. विवश होकर सास ससुर ने अपने जमाई और पुत्री को भारी मन से विदा किया.नगर के बाहर पहुंचने पर पत्नी को प्यास लगी. पुरुष लोटा लेकर पानी की तलाश में चल पड़ा. पत्नी एक पेड़ के नीचे बैठ गई.

जब थोड़ी देर बाद पुरुष पानी लेकर वापस आया तो उसने देखा कि उसकी पत्नी किसी से हंस-हंसकर बात कर रही है और लोटे से पानी पी रही है. यह देखकर वह क्रोधित हो गया. जब वह पास पहुंचा तो उसने देखा कि उस आदमी की शक्ल उसकी तरह ही है. पत्नी भी सोच में पड़ गई है. दोनों पुरुष झगड़ने लगे. धीरे धीरे वहां भीड़ एकत्रित हो गई और सिपाही भी आ गए. हमशक्ल आदमियों को देखकर वे भी हैरान हो गए. उन्होंने स्त्री से कहा कि उसका पति कौन है?

स्त्री को दुविधा हो गई. तब पुरुष भगवान शंकर से प्रार्थना करने लगा कि हे भगवान हमारी रक्षा करना. मुझसे बहुत बड़ी भूल हो गई मैंने सास-ससुर की बात नहीं मानी और बुधवार को पत्नी को विदा करा लिया. मैं भविष्य में ऐसा बिल्कुल भी नहीं करुंगा. जैसे ही पुरुष की प्रार्थना पूरी हुई, दूसरा व्यक्ति अंतर्ध्यान हो गया. पति-पत्नी सकुशल अपने घर पहुंच गए. उसके बाद पति-पत्नी ने नियमपूर्वक बुध प्रदोष व्रत करने लगे.

ये भी पढ़ें:  सावधान..! साल 2025 में गुरु वक्री-नीच का मंगल, इन 4 राशिवालों की बढ़ेगी मुसीबत, पैसा और सेहत दोनों पर होगा असर!

ये भी पढ़ें:  दुश्मन तो छोड़ो…दोस्तों से भी मुफ्त में न लें ये 6 चीजें, कंगाल होने में नहीं लगेगी देर, घर में आएगी दरिद्रता!

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular