शनि को कर्मफल काहा जाता है.साढ़ेसाती और ढैय्या ज्योतिष शास्त्र में दो महत्वपूर्ण घटनाएं हैं.
Shani Ki Sadhesati Aur Dhaiya : शनि को कर्मफल काहा जाता है. शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या ज्योतिष शास्त्र में दो महत्वपूर्ण घटनाएं हैं जो व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती हैं. साढ़ेसाती तब होती है जब शनि की स्थिति जन्म राशि से 12वें भाव में होती है, फिर पहले भाव में और अंत में दूसरे भाव में. यह लगभग 7.5 वर्षों तक रहती है. ढैय्या तब होती है जब शनि की स्थिति जन्म राशि से 4वें या 8वें भाव में होती है. यह लगभग 2.5 वर्षों तक रहती है. इन दोनों घटनाओं का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाता है, जैसे कि करियर में बदलाव, स्वास्थ्य समस्याएं, आर्थिक चुनौतियां इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
शनि की साढ़ेसाती:
– साढ़ेसाती तब होती है जब शनि की स्थिति जन्म राशि से 12वें भाव में होती है, फिर पहले भाव में और अंत में दूसरे भाव में. यह लगभग 7.5 वर्षों तक रहती है.
– इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाता है, जैसे कि करियर में बदलाव, स्वास्थ्य समस्याएं, आर्थिक चुनौतियां. इसके लिए क्या उपाय करें आइए जानते हैं.
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– उपाय:
– शनि मंत्र का जाप करें.
– शनि की पूजा करें और काले तिल और काले वस्त्र दान करें.
– हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें.
शनि की ढैया:
– ढैया तब होती है जब शनि की स्थिति जन्म राशि से 4वें या 8वें भाव में होती है. यह लगभग 2.5 वर्षों तक रहती है.
– इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में मानसिक तनाव, स्वास्थ्य समस्याएं, और आर्थिक चुनौतियां लाता है.
– उपाय:
– शनि मंत्र का जाप करें.
– शनि की पूजा करें और काले तिल और काले वस्त्र दान करें.
– शिव जी की पूजा करें और शिव मंत्र का जाप करें.
अंतर:
– साढ़ेसाती लंबी अवधि के लिए होती है, जबकि ढैया छोटी अवधि के लिए.
– साढ़ेसाती का प्रभाव अधिक गहरा होता है, जबकि ढैया का प्रभाव कम गहरा होता है.
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सामान्य उपाय:
– शनि की पूजा करें और काले तिल और काले वस्त्र दान करें.
– हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें.
– शिव जी की पूजा करें और शिव मंत्र का जाप करें.
– नियमित रूप से शनि मंत्र का जाप करें.
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FIRST PUBLISHED : November 10, 2024, 14:25 IST