Friday, November 22, 2024
HomeBusinessBudget 2025-26 की तैयारियां शुरू, उद्योग जगत ने सरकार को सौंपी सिफारिशें

Budget 2025-26 की तैयारियां शुरू, उद्योग जगत ने सरकार को सौंपी सिफारिशें

Budget: वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सरकारी स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं. 1 फरवरी 2025 को संसद में बजट पेश किया जाएगा. आने वाले बजट से उद्योग जगत को काफी उम्मीदें बंधी हैं. उद्योग जगत ने बजट 2025-26 से संबंधित सिफारिशें सरकार को सौंप दी है. उसने सरकार से आगामी बजट में सीमा शुल्क के लिए माफी योजना, व्यक्तियों और एलएलपी फर्मों के लिए कर दरों में कटौती, कर अनुपालन को सुगम बनाने, अपीलों की त्वरित निगरानी और एक समर्पित विवाद समाधान प्रणाली के गठन की मांग रखी है.

उद्योग मंडलों की अधिकारियों के साथ हुई बैठक

समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के चार प्रमुख उद्योग मंडलों ने सीआईआई, फिक्की, एसोचैम और पीएचडीसीसीआई के प्रतिनिधियों ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट से जुड़ी अपनी इन अपेक्षाओं से सरकार को अवगत करा दिया है. उद्योग मंडलों ने वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ आयोजित अलग-अलग बैठकों में 1 फरवरी, 2025 को पेश किए जाने वाले आगामी बजट के संबंध में विस्तृत सिफारिशें पेश की हैं.

सीमा शुल्क माफी योजना लाने की मांग

फिक्की ने पिछले बकाया शुल्क को चुकाने के लिए एकमुश्त निपटान योजना के रूप में सीमा शुल्क के तहत माफी योजना लाने की मांग रखते हुए कहा है कि इससे उद्योग को मुकदमेबाजी के बोझ को कम करने में मदद मिलेगी. इसी तरह एसोचैम ने भी सीमा शुल्क के तहत एक व्यापक कर माफी योजना शुरू करने की वकालत की है. एसोचैम ने कहा कि सरकार पिछले मुकदमों को निपटाने के लिए एकमुश्त निपटान योजना लाने पर विचार कर सकती है.

टीडीएस विवाद निपटान के लिए नया प्लेटफॉर्म

उद्योग मंडलों ने टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) के संबंध में सरलीकृत अनुपालन और प्रभावी एवं समयबद्ध विवाद समाधान के लिए एक नए स्वतंत्र विवाद समाधान मंच की शुरुआत की भी मांग की है. इसके साथ ही, फिक्की ने महिलाओं को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार से डे-केयर (कामकाजी अवधि के दौरान बच्चों की देखभाल) खर्चों की भरपाई को रियायती कराधान से छूट देने का आग्रह किया. इसके साथ ही एसोचैम ने कुछ टीडीएस चूक को अपराध की श्रेणी से बाहर करने की भी मांग की है. उसने कहा कि आपराधिक कार्यवाही केवल तभी होनी चाहिए जब करदाता ने सरकार की कीमत पर खुद को समृद्ध किया हो.

इसे भी पढ़ें: शादी के लिए सोना खरीदने से पहले जान लें कीमत, फायदे में रहेंगे

बजट का आकार बढ़ने की उम्मीद

पीएचडीसीसीआई ने व्यक्तियों और सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) फर्मों के लिए कराधान की दरों में कटौती, वैधानिक अवधि शुरू कर बिना आमने-सामने आए यानी फेसलेस अपीलों पर तेजी से नजर रखने, पेशेवरों के लिए अनुमानित कर योजना की सीमा बढ़ाने, पीएलआई योजना का दायरा अन्य क्षेत्रों में बढ़ाने से संबंधित सुझाव प्रस्तुत किए. पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा कि केंद्रीय बजट का आकार बढ़कर वर्ष 2025-26 के लिए 51 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा और पूंजीगत व्यय का विस्तार 13 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा.

इसे भी पढ़ें: डोनाल्ड ट्रंप की सख्त नीतियों से अर्थव्यवस्थाएं हो सकती हैं प्रभावित, कई सेक्टरों पर पड़ेगा गहरा असर

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular