Friday, November 22, 2024
HomeReligionकब है अक्षय नवमी? रवि योग में होगी आंवले के पेड़ की...

कब है अक्षय नवमी? रवि योग में होगी आंवले के पेड़ की पूजा, जानें तारीख, शुभ मुहूर्त, महत्व

Akshay Navami 2024 Date: अक्षय नवमी का पावन पर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाते हैं. इस साल अक्षय नवमी के दिन रवि योग बन रहा है, पूरे दिन पंचक रहेगा. अक्षय नवमी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं. अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं, इसलिए इसे आंवला नवमी भी कहा जाता है. इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे भगवान विष्णु की पूजा करने और भोजन करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि अक्षय नवमी कब है? अक्षय नवमी की पूजा का मुहूर्त, रवि योग और महत्व क्या है?

अक्षय नवमी 2024 तारीख
दृक पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि का शुभारंभ 9 नवंबर शनिवार को रात 10 बजकर 45 मिनट से हो रहा है. यह तिथि अगले दिन 10 नवंबर रविवार को रात 9 बजकर 01 मिनट पर खत्म होगी. उदयातिथि के आधार पर अक्षय नवमी यानी आंवला नवमी का पर्व 10 नवंबर रविवार को मनाया जाएगा.

यह भी पढ़ें: छठ पूजा में भगवान सूर्य को क्यों देते हैं अर्घ्य? जानें जल चढ़ाने का समय, मंत्र और महत्व

अक्षय नवमी 2024 मुहूर्त
इस साल अक्षय नवमी की पूजा के लिए आपको 5 घंटे 25 मिनट का शुभ मुहूर्त प्राप्त होगा. अक्षय नवमी की पूजा के लिए शुभ समय सुबह 6 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजकर 5 मिनट तक है. अक्षय नवमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:55 ए एम से 05:47 ए एम तक है. उस दिन का शुभ मुहूर्त यानी अभिजीत मुहूर्त दिन में 11:43 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक है.

रवि योग में अक्षय नवमी 2024
10 नवंबर को अक्षय नवमी के दिन रवि योग बन रहा है. उस दिन रवि योग सुबह 10 बजकर 59 मिनट से बन रहा है, जो अगले दिन 11 नवंबर को सुबह 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. नवमी को पूरे दिन ध्रुव योग है, जो देर रात 1 बजकर 42 मिनट तक है. उसके बाद से व्याघात योग है. अक्षय नवमी को धनिष्ठा नक्षत्र सुबह में 10 बजकर 59 मिनट तक है, फिर शतभिषा नक्षत्र है. पूरे दिन पंचक रहेगा.

ये भी पढ़ें: कब है तुलसी विवाह? बनेंगे 2 शुभ योग, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, शालिग्राम के साथ होगी ‘वृंदा’ की शादी

अक्षय नवमी पूजा नियम
अक्षय नवमी की पूजा के समय शुभ मुहूर्त में आंवले के पेड़ के नीचे भगवान विष्णु की पूजा करें. भगवान विष्णु को आंवले का भोग लगाते हैं. उसके बाद आंवले के पेड़ की जड़ में जल और कच्चा दूध चढ़ाएं. उसके बाद पेड़ पर अक्षत्, चंदन, फूल, फल आदि अर्पित करें. फिर रक्षा सूत्र या कच्चा सूत पेड़ में लपेटें. इसे कम से कम 8 बार और अधिक से अधिक 108 बार लपेटना है. पूजा खत्म होने के बाद परिवार के साथ आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर खाना खाना चाहिए.

अक्षय नवमी का महत्व
धा​र्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ से अमृत की बूंदें टपकती हैं, जो सेहत के लिए उत्तम मानी जाती हैं. इस वजह से लोग उस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठते हैं और पूजा करते हैं. भगवान विष्णु की पूजा करने से कष्ट दूर होंगे और मनोकामनाएं पूरी होंगी.

Tags: Dharma Aastha, Lord vishnu, Religion


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular