Friday, November 22, 2024
HomeBusinessToll Tax: अब बैंकों के हाथ में होगी टोल टैक्स वसूली,भीड़भाड़ होगी...

Toll Tax: अब बैंकों के हाथ में होगी टोल टैक्स वसूली,भीड़भाड़ होगी कम

Toll Tax: राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल वसूली में एक बड़ा बदलाव करते हुए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अब बैंकों को टोल कलेक्शन का कार्य सौंपने का निर्णय लिया है. इस नई प्रणाली की शुरुआत द्वारका एक्सप्रेसवे से होगी, जो भारत का पहला मल्टी-लेन फ्री फ्लो (MLFF) टोल कलेक्शन सिस्टम बन गया है. NHAI ने इसके लिए बैंकों से बोलियां आमंत्रित की हैं, जिसमें सबसे अधिक राजस्व हिस्सेदारी देने वाले बैंक को तीन साल के लिए टोलिंग अधिकार दिए जाएंगे.

MLFF प्रणाली से भौतिक टोल प्लाजा की जरूरत खत्म

MLFF सिस्टम के तहत, पारंपरिक टोल प्लाजा का उपयोग नहीं होगा. इसके स्थान पर, खंभों पर सेंसर और उपकरण लगाए जाएंगे, जो गुजरने वाले वाहनों की जानकारी एकत्र करेंगे. जैसे ही कोई वाहन इन सेंसर के पास से गुजरेगा, वाहन की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक टोल भुगतान प्रणाली को भेजी जाएगी, जो फास्टैग वॉलेट से राशि काट लेगी. इस प्रणाली का उद्देश्य टोल प्लाजा पर भीड़ को कम करना और वाहन चालकों का अनुभव आसान बनाना है. इससे टोल कलेक्शन में अधिक पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी क्योंकि बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा नियमन में होते हैं.

Also Read: Bullet Train: अब बुलेट ट्रेन के सफर का सपना होगा साकार,गुजरात में 12 पुलों का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा

बैंकों को उप-ठेकेदार रखने की अनुमति

चूंकि बैंकों के पास टोल संग्रह का सीधा अनुभव नहीं है, NHAI की सहायक कंपनी IHMCL ने बैंकों को उप-ठेकेदार रखने की अनुमति दी है. बोली दस्तावेज के अनुसार, उप-ठेकेदारों को कम से कम 200 किलोमीटर की टोलिंग प्रणाली पर काम करने का अनुभव होना चाहिए, चाहे वह भारत में हो या विदेश में. यह उप-ठेकेदार टोल वसूली प्रक्रिया को और सुव्यवस्थित बनाने में सहायक होंगे.

बकाया टोल पर एनओसी और फिटनेस सर्टिफिकेट में शर्तें

MLFF प्रणाली न केवल फास्टैग वॉलेट से टोल शुल्क काटेगी बल्कि उन वाहनों की भी पहचान करेगी जिनका फास्टैग नहीं है या जिनका टैग खराब है. ऐसे वाहनों की जानकारी केंद्रीय वाहन डेटाबेस ‘वाहन’ के साथ साझा की जाएगी, जिससे चालकों को बकाया टोल का भुगतान करना अनिवार्य होगा. बकाया राशि का भुगतान न करने पर उन्हें एनओसी और फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा, जिससे इस प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता आ सकेगी.

टोल दरें अभी निर्धारित नहीं

अभी तक 28 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए टोल दरें तय नहीं की गई हैं. केवल दिल्ली-गुड़गांव सीमा पर स्थित टोलिंग पॉइंट से ही टोल वसूला जाएगा. सफल बोलीदाता को तीन साल तक टोल वसूली का अधिकार मिलेगा और उसे अनुबंध मिलने के तीन महीने के भीतर इस प्रणाली को लागू करना होगा.

Also Read: Bank Holiday: RBI ने जारी की छुट्टियों की लिस्ट, चेक करें अपने नजदीकी शाखा के बंद होने का समय

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular