Diwali 2024 Tips: दिवाली का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है. देशभर में इस दिन को उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है. दिवाली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि मनाई जाती है. लगातार 5 दिन चलने वाले इस पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है. इस वर्ष दिवाली 31 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा और दीया जलाने की परंपरा है.
मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से पूजा करने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है, जिससे घर में धन और समृद्धि आती है. इसलिए दिवाली की रात एक दीपमालिका तैयार की जाती है. इसमें तेल के छोटे-छोटे दीए के साथ एक बड़ा दीया भी जलाया है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि ये बड़ा दिया जलाया क्यों जाता है? क्या है इस बड़े दीए का महत्व? इस बारे में News18 को बता रहे हैं प्रतापविहार गाजियाबाद से ज्योतिर्विद एवं वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी-
दिवाली पर दीपक जलाने का महत्व
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि, दीवाली को दीपों का त्योहार भी कहते हैं. इस दिन दीपक जलाने का विशेष महत्व है. माना जाता है कि दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है, जिससे घर में धन-धान्य की वर्षा होती है. वास्तु के अनुसार, दीपावली पर दीपक जलाने का विशेष महत्व है. सबसे पहले एक दीपक घर के मंदिर में जलाकर रखना चाहिए. इसके बाद सूर्यास्त के बाद, प्रदोष काल के समय दीपक जलाना शुभ माना जाता है. ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.
दीपमालिका में बड़ा दीया जलाने का महत्व
दीवाली की रात छोटे-छोटे दीयों से दीपमालिका बनाई जाती है. इन दीयों के बीच 1 बड़ा दीया भी रखा जाता है. यह दीया महा निषिद्ध काल में जलाया जाता है, जोकि पूरी रात जलता है. इस दीए में सरसों के तेल का यूज होता है. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, सरसों के तेल का प्रयोग शनि और पितृ पूजन में किया जाता है. ऐसे में दिवाली को सरसों के तेल का बड़ा दीप जलाने का मतलब है कि हमारे पितृ घर में आएं और हमें सुखी और समृद्दि देखकर प्रसन्न हों. इसको देख उनको भी समृद्दि और शांति मिले, जिससे हमारा कुल और भी मजबूत हो. इस दीए से लोग काजल भी बनाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 29, 2024, 13:37 IST