Friday, November 22, 2024
HomeReligionरात में ही क्यों की जाती है दिवाली की पूजा? ज्योतिष शास्त्र...

रात में ही क्यों की जाती है दिवाली की पूजा? ज्योतिष शास्त्र में क्या है इसकी मान्यता, पंडित जी से जानें

Diwali Puja 2024 Tradition: आज धनतेरस से देशभर में दीवाली की धूम शुरू हो चुकी है. दिवाली कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर मनाई जाती है. यह पर्व लगातार 5 दिनों तक चलता है. इस बार दिवाली 31 अक्टूबर 2024 दिन गुरुवार को है. दिवाली की रात मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विधान है. ऐसा करने से घर में खुशियों का आगमन होता है. साथ ही, परिवार को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर दिवाली की पूजा रात में ही क्यों की जाती है? क्या है इसके पीछे का महत्व? इस बारे में News18 को बता रहे हैं प्रतापविहार गाजियाबाद से ज्योतिर्विद एवं वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी-

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, दिवाली पर लक्ष्मी पूजन हमेशा रात में या सूर्यास्त के बाद ही किया जाता है. इसके पीछे धार्मिक, पौराणिक और ज्योतिषीय कारण मिलते हैं, जो इस परंपरा को विशेष बनाते हैं. वहीं, धर्म शास्त्रों की मानें तो लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त के करनी चाहिए. हालांकि, बाकी दिनों में सुबह, शाम या फिर किसी भी समय मां लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं.

रात में पूजा की धार्मिक मान्यता

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, रात का समय माता लक्ष्मी का सबसे प्रिय समय है. दिवाली के दिन अमावस्या होती है, जब चांद नहीं दिखाई देता और काफी अंधेरा होता है. ऐसे में दिवाली की रात को घरों में दीप जलाकर मां लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है. मां लक्ष्मी को ‘ज्योति’ का प्रतीक माना गया है और रात के समय दीप जलाने से अज्ञानता और अंधकार को दूर करने का संदेश जाता है. इसके अलावा, माना जाता है कि इस रात मां लक्ष्मी और भगवान गणेश विचरण के लिए पृथ्वी लोक पर आती हैं और भक्तों को कर्म के अनुसार फल देती हैं.

लक्ष्मी पूजा का पौराणिक महत्व

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं, और तभी से उनकी दिवली के दिन पूजा की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि समुद्र मंथन की ये घटना भी रात में हुई थी, जिसकी वजह से लक्ष्मी पूजा के लिए रात का समय ज्यादा शुभ माना जाता है. पौराणिक मान्यता ये भी है कि रात के समय मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और उन्हीं घरों में वास करती हैं जो प्रकाशमय और साफ होते हैं.

क्या है ज्योतिषीय राय?

ज्योतिष के मुताबिक, दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त अमावस्या के बाद का समय होता है, जिसे प्रदोष काल कहा जाता है. प्रदोष काल सूर्यास्त से लेकर लगभग तीन घंटे तक का समय होता है. इस समय को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है, क्योंकि ये समय सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह का होता है.

ये भी पढ़ें:  ‘दुख-दरिद्रता बाहर जाए-धन लक्ष्मी घर में आएं’, दिवाली के भोर महिलाएं क्यों पीटती हैं सूप? जानें इसके पीछे की वजह

ये भी पढ़ें:  धनतेरस पर 13 दीया जलाने का क्या है लॉजिक? पूजा के बाद कहां-कहां दीपक रखना शुभ, पंडित जी से जानें सभी का महत्व

Tags: Diwali, Diwali festival, Laxmi puja, Lord ganapati


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular