Friday, November 22, 2024
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धनतेरस आज, बना त्रिपुष्कर योग, प्रदोष काल में करें लक्ष्मी पूजा, जानें विधि, मुहूर्त, मंत्र, खरीदारी समय

धनतेरस का पावन पर्व आज 29 अक्टूबर मंगलवार को है. आज धनतेरस के अवसर पर देशभर में लोग सोना, चांदी, आभूषण, गाड़ी, बर्तन आदि की खरीदारी करेंगे. धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाते हैं. धनतेरस को शाम के समय में यानी प्रदोष काल में माता लक्ष्मी, धनपति कुबेर, भगवान धन्वंतरि और गणेश जी की पूजा करते हैं. धनतेरस की पूजा करने से सालभर धन, संपत्ति में वृद्धि होती है. व्यक्ति निरोगी रहता है. ध​नपति कुबेर की कृपा से धन-संपत्ति में बढ़ोत्तरी होती रहती है. आज धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग बना है, इसमें किए गए शुभ कार्य के फल तीन गुना प्राप्त होते हैं. धनतेरस को धनत्रयोदशी भी कहते हैं. आज धन्वंतरि जयंती भी है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं धनतेरस की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र, पूजन सामग्री, सोना खरीदने का शुभ समय आदि.

धनतेरस 2024 मुहूर्त
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का शुभारंभ: आज, मंगलवार, सुबह 10:31 बजे से
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का समापन: कल, बुधवार, दोपहर 1:15 बजे पर
धनतेरस पूजा मुहूर्त: आज, शाम 6 बजकर 31 मिनट से रात 8 बजकर 13 मिनट तक.
प्रदोष काल: आज, शाम 05:38 बजे से रात 08:13 बजे तक.
वृषभ काल: आज, शाम 06:31 बजे से रात 08:27 बजे तक.

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धनतेरस 2024 त्रिपुष्कर योग
सुबह में 6 बजकर 31 मिनट से सुबह 10 बजकर 31 मिनट तक.

धनतेरस 2024 सोना खरीदने का शुभ समय
आज, सुबह 10 बजकर 31 मिनट से कल सुबह 6 बजकर 32 मिनट के बीच.

धनतेरस 2024 पूजा मंत्र
गणेश पूजा मंत्र: वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ, निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा.
धनपति कुबेर का पूजा मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः
माता लक्ष्मी का पूजा मंत्र: ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:

धनतेरस पूजा की सामग्री
माता लक्ष्मी, कुबेर की नई मूर्ति, कुबेर यंत्र, लकड़ी की एक चौकी, अक्षत्, हल्दी, रोली, सिंदूर, गंगाजल, शक्कर, शुद्ध घी, सुपारी, पान का पत्ता, नए वस्त्र, माला, कमलगट्टा, कमल और लाल गुलाब, रक्षासूत्र, इत्र, कुश का आसन, पंच पल्लव, धूप, गंध, दूर्वा, कुश, पंच मेवा, यज्ञोपवीत, इलायची, लौंग, दूध, दही, शहद, फल, गुलाल, कपूर, रुई की बत्ती, दीपक, नैवेद्य, मिठाई, चांदी और सोने का सिक्का, नारियल, नया बहीखाता, साबुत धनिया, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य आदि.

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धनतेरस 2024 भोग
धनतेरस की पूजा के समय कुबेर जी को धनिया की पंजीरी, चावल की खीर, घी वाली लापसी आदि का भोग लगा सकते हैं. माता लक्ष्मी को मखाने की खीर, बताशे, दूध से बनी सफेद मिठाई और गणेश जी को मोदक, लड्डू आदि का भोग लगाएं.

धनतेरस 2024 पूजा विधि
धनतेरस की शाम को स्नान आदि से निवृत होकर शुभ मुहूर्त में पूजा की तैयारी करें. मुहूर्त प्रारंभ होने पर चौकी पर नए वस्त्र बिछाकर माता लक्ष्मी, गणेशजी और कुबेर जी की स्थापना करें. सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें. उसके बाद माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा करें. गणेश जी को अक्षत्, हल्दी, सिंदूर, दूर्वा, चंदन, धूप, दीप, मोदक, लड्डू, फल, लाल फूल आदि अर्पित करके पूजन करें.

माता लक्ष्मी को लाल गुलाब, कमल का फूल, अक्षत्, लाल सिंदूर, धूप, दीप, नैवेद्य, कमलगट्टा, बताशे, मिठाई, खीर आदि अर्पित करते हुए पूजा करें. उसके बाद कुबेर जी को अक्षत्, फूल, नैवेद्य, धूप, दीप, चंदन आदि चढ़ाएं और पूजा करें. पूजन के समय मंत्र का उच्चारण करें. सभी को उनके प्रिय भोग अर्पित करें. पूजा के समय नए खाताबही, कलम, दवात आदि का भी पूजन करें.

समापन के समय क्षमा प्रार्थना करते हुए गणेश जी, कुबेर जी और माता लक्ष्मी से जीवन में शुभता, सुख, समृद्धि, धन, संपत्ति आदि की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद लें.

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