Mutual Fund: म्यूचुअल फंड में निवेश के प्रति लोगों दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है. इसका एकमात्र कारण हाईएस्ट रिटर्न मिलना है. बैंक और डाकघर की बचत योजनाओं और फिक्स्ड डिपॉजिट से कहीं अधिक म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर लोगों को रिटर्न मिलता है. इसी का नतीजा है कि झारखंड के लोगों ने म्यूचुअल फंड में धकाधक पैसा जमा कराया है. म्यूचुअल फंड के मामले में झारखंड ने अपने पड़ोसी बिहार, ओडिशा और छत्तीसगढ़ को भी पीछे छोड़ दिया है. निवेशकों के जोर पर झारखंड में करीब 74,600 करोड़ रुपये का म्यूचुअल फंड बाजार खड़ा हो गया है. मजेदार बात यह है कि सिर्फ चार महीने में ही झारखंड के म्यूचुअल फंड बाजार में करीब 12,300 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है.
झारखंड में 74,600 करोड़ रुपये का म्यूचुअल फंड बाजार
सितंबर, 2024 के आंकड़ों के अनुसार, झारखंड में म्यूचुअल फंड का बाजार 74,600 करोड़ रुपये पहुंच गया है. इससे पहले मई 2024 में यह 62,300 करोड़ रुपये का था. इन चार महीनों के दौरान झारखंड के म्यूचुअल फंड बाजार में करीब 12,300 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, बिहार में म्यूचुअल फंड का बाजार 69,000 करोड़, ओडिशा में 66,100 करोड़ और छत्तीसगढ़ में 42,900 करोड़ रुपये पहुंच का है.
झारखंड में 88% इक्विटी निवेश
चौंकाने वाले यह भी हैं कि झारखंड के लोग म्यूचुअल फंड के जरिए इक्विटी फंड में अधिक निवेश कर रहे हैं. पिछले चार महीनों के दौरान करीब 88% इक्विटी और 12% नॉन इक्विटी में निवेश हुआ है. वहीं, बिहार में 89% इक्विटी निवेश और 11% नॉन इक्विटी किया गया है. वहीं, ओड़िशा में 78% और 22% और छत्तीसगढ़ में 88% और 12% है. इसके अलावा, झारखंड में जीडीपी का कुल 19% निवेश म्यूचुअल फंड में हो रहा है, जबकि बिहार, ओड़िशा और छत्तीसगढ़ में जीडीपी का 9-9% निवेश म्यूचुअल फंड किया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें: रतन टाटा के वसीयतनामे का खुलासा, पैट डॉग टीटो और शांतनु नायडू के नाम छोड़ गए दौलत
म्यूचुअल फंड में 1 साल में 56% तक बंपर रिटर्न
चौंकाने वाला दूसरा पक्ष यह भी है कि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान म्यूचुअल फंड ने अपने निवेशकों को 32% से 56% तक बंपर रिटर्न दिया है. इस दौरान एचएसबीसी, महिंद्रा मनुलाइफ और क्वॉन्ट की स्कीम्स से निवेशकों से 50% से अधिक का रिटर्न मिला है. आंकड़ों कहा गया है कि इन टॉप तीन फंड ने निफ्टी 500 टीआरआई इंडेक्स से काफी बेहतर प्रदर्शन किया है, जिसने इसी अवधि में 35.11% रिटर्न दिया है.
इसे भी पढ़ें: नोएल टाटा ही नहीं, अपने बेटे को भी अपना उत्तराधिकार नहीं बनाते रतन टाटा, जानें क्यों