Saturday, November 23, 2024
HomeReligionदीवाली पर ऐसी सूंड वाले गणेश जी लाएं, वास्तु दोष होगा दूर,...

दीवाली पर ऐसी सूंड वाले गणेश जी लाएं, वास्तु दोष होगा दूर, घर का माहौल बनेगा खुशनुमा, धन-लाभ के भी संकेत!

Diwali 2024 Tips:  भगवान गणेश हिंदू धर्म में प्रथम पूजनीय देवता हैं. किसी भी शुभ कार्य और पूजा को शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. जैसा कि सभी जानते हैं कि भगवान श्री गणेश सुख-समृद्धि के देवता हैं और उनकी कृपा से जीवन के सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूरे हो जाते हैं, इसलिए लोग घर के मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति रखते हैं. यूं तो गणेश जी की सूंड को लेकर अलग-अलग धर्मों में अलग-अलग धारणाएं हैं.

ऐसी मूर्ति होती है बेहद शुभ:
जब भी आप घर में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें तो ध्यान रखें कि गणेश जी की सूंड बाएं हाथ की ओर होनी चाहिए. माना जाता है कि ऐसी मूर्ति से घर में सकारात्मकता बनी रहती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. आप घर में सीधी सूंड वाले गणेश जी की मूर्ति भी स्थापित कर सकते हैं. ऐसी मूर्ति से घर का माहौल खुशनुमा रहता है और सुख-शांति बनी रहती है.

यह भी पढ़ें : Vastu Tips For Medicine: अगर शीघ्र स्वस्थ होना है तो घर के इस दिशा में रखें दवाएं, मिलेंगे आपको आश्चर्यजनक परिणाम!

किस तरफ होनी चाहिए सूंड?
कुछ मूर्तियों में गणेश जी की सूंड बाईं ओर तो कुछ में दाईं ओर दिखाई जाती है. गणेश जी की अधिकांश मूर्तियां सीधी अथवा उत्तर दिशा की ओर सूंड वाली होती हैं. ऐसा माना जाता है कि जब भी दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके गणेश जी की मूर्ति बनाई जाती है तो वह टूट जाती है. ऐसा कहा जाता है कि अगर संयोग से आपको दक्षिणावर्ती मूर्ति मिल जाए और उसकी विधिवत पूजा की जाए तो आपको मनोवांछित फल मिलता है.

गणेश जी की सीधी सूंड तीन दिशाओं से दिखाई देती है, जब सूंड दाईं ओर मुड़ती है तो माना जाता है कि यह पिंगला स्वर और सूर्य से प्रभावित है. विघ्न विनाश, शत्रु पराजय, विजय प्राप्ति, उग्रता और शक्ति प्रदर्शन जैसे कार्यों के लिए ऐसी मूर्ति की पूजा फलदायी मानी जाती है. वहीं बाईं ओर मुड़ी हुई सूंड वाली मूर्ति इड़ा नाड़ी और चंद्रमा से प्रभावित मानी जाती है. स्थाई कार्यों के लिए ऐसी मूर्ति की पूजा की जाती है. जैसे शिक्षा, धन, व्यापार, प्रगति, संतान सुख, विवाह, रचनात्मक कार्य और पारिवारिक सुख.

सीधी सूंड वाली मूर्ति सुषुम्रा स्वर वाली मानी जाती है और इसकी पूजा रिद्धि-सिद्धि, कुंडलिनी जागरण, मोक्ष, समाधि आदि के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है. संत समाज ऐसी मूर्ति की ही पूजा करता है, दाहिनी ओर सूंड वाली मूर्ति होती है. सिद्धि विनायक मंदिर, यही कारण है कि इस मंदिर की आस्था और आय आज चरम पर है. जिस मूर्ति में सूंड दाहिनी ओर होती है उसे दक्षिणा मूर्ति कहा जाता है. दाहिना भाग जो यमलोक की ओर जाता है वह सूर्य की नाड़ी का दाहिना भाग है.

यह भी पढ़ें: Mobile Number Numerology: अगर आपके मोबाइल नंबर में मौजूद है ये अंक, तो कर सकता कंगाल, जीवनसाथी रहेगा ​बीमार!

बाईं सूंड वाली गणेश जी की मूर्ति की विशेषता : यदि गणेश जी की सूंड बाईं ओर मुड़ी हुई दिखाई दे तो हम इसे इड़ा या चंद्र से प्रभावित मानते हैं. जो हमारा बायां स्वर है. यह हमारी इड़ा नाड़ी का प्रतिनिधित्व करता है. सूर्य और चंद्रमा की सांसों के आदान-प्रदान के दौरान हमारी नाक में दो स्वर चलते हैं. अगर हम बाईं नाक से सांस ले रहे हैं तो इसका मतलब है कि हमारा बायां स्वर काम कर रहा है और हमारी इड़ा नाड़ी जागृत है तो इसका मतलब है कि हमारा दिन शांत और स्थिर रहने वाला है. घर के बाईं ओर सूंड वाली गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है. घर का माहौल सकारात्मक बना रहता है. भगवान गणेश की कृपा हम पर बनी रहे.

दाहिनी ओर मुड़ी हुई सूंड वाली गणेश जी की मूर्ति की विशेषता : हमारा दाहिना स्वर हमारी पिंगला नाड़ी का प्रतिनिधित्व करता है. जिस समय हमारी नाड़ी चलती है, हमें पता चल जाता है कि उस समय हमारा कौन सा स्वर चल रहा है. यदि हम दाहिनी नाक से सांस ले रहे हैं, तो इसका मतलब है कि हमारा दाहिना स्वर काम कर रहा है और हमारी पिंगला नाड़ी सक्रिय है. दायां स्वर जागृत होने का अर्थ है कि यह स्वर सूर्य की ऊर्जा से प्रभावित होता है और आज हमारा दिन ऊर्जावान रहने वाला है. जिस गणेश प्रतिमा की सूंड दाहिनी ओर मुड़ी हुई हो. ऐसी मूर्ति के स्वरूप की पूजा करने से बड़े से बड़े संकट भी दूर हो जाते हैं.

भगवान गणेश की मूर्तियों में सूंड की दिशा के बारे में अलग-अलग मान्यताएं हैं:
1. बाईं ओर मुड़ी हुई सूंड वाले गणेश जी को शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि ये मूर्तियां शांत होती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा लाती हैं. इन मूर्तियों को विघ्नविनाशक कहा जाता है.
2. दाईं ओर मुड़ी हुई सूंड वाले गणेश जी को सिद्धिविनायक कहा जाता है. इनकी पूजा विघ्न-विनाश, शत्रु पराजय, विजय प्राप्ति, उग्र तथा शक्ति प्रदर्शन जैसे कार्यों के लिए फलदायी मानी जाती है.
3.दक्षिण दिशा में सूंड वाले गणेश जी की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मृत्यु का भय खत्म होता है.

Tags: Astrology, Diwali, Diwali Celebration, Diwali festival, Lord ganapati, Vastu tips


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular