Kidney Disease : नए शोध के अनुसार पिछले तीन दशकों में वैश्विक स्तर पर महिलाओं में गंभीर किडनी रोग (केकेडी) के केसेज लगभग तीन गुना बढ़ गए हैं. शोध गुजरात के अदानी इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस (जीएआईएमएस) के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किया गया है. अमेरिका के सेन डिएगो में 23 से 27 अक्टूबर तक आयोजित हो रहे ‘एएसएन किडनी वीक 2024’ में पेश किए गए शोध में यह बताया गया कि महिलाओं में केकेडी के संबंधित मृत्यु के प्रमुख कारण है टाइप 2 मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्या.
Kidney Disease : शोध के वरिष्ठ लेखन ने क्या कहा?
जीएआईएमएस में इंडिपेंडेंस क्लिनिकल एंड पब्लिक हेल्थ रिसर्चर और शोध के वरिष्ठ लेखक हार्दिक दिनेश भाई देसाई ने अपने संवाद में कहा कि “इसके लिए तत्काल नीतिगत हस्तक्षेप, लक्षण लक्षित रोकथाम कार्यक्रम और स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे में निवेश की आवश्यकता है, ताकि विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में सीकेडी की वृद्धि रोकी जा सके.” आपकी जानकारी के लिए बता दें की जिआईएमएस गुजरात सरकार और अडानी एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के बीच यह पहला सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) प्रयत्न है.
Global Burden of Disease : “ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज” से लिए गए आँकड़े
“महिलाओं में क्रॉनिक किडनी रोग के बोझ में वर्ष 1990 से 1921 तक वैश्विक राष्ट्रीय और क्षेत्रीय रुझान – एक वैश्विक विश्लेषण” नाम के शीर्षक से प्रकाशित इस शोध के लिए वर्ष 2021 में शुरू किए गए अन्य शोध “ग्लोबल बर्डन आफ डिजीज” से आंकड़े लिए गए हैं, जो दुनिया भर में स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान को नापने की एक कोशिश है. इस शोध में 204 देश और क्षेत्र से जानकारीयां इखट्टी कर शामिल की गई है. महिलाओं में केकेडी के प्रचलन में वर्ष 1990 से 2021 के बीच औसत वार्षिक प्रतिशत परिवर्तन 2.10% है और मृत्यु दर 3.39 प्रतिशत और विकलांगता समायोजित जीवन वर्ष 2.48 प्रतिशत है.
Increased Death Rate : मृत्युदर में चिंताजनक वृद्धि
विश्व में केकेडी से संबंधित गंभीर बीमारियों से ग्रसित होने में और मृत्यु दर में भी महत्वपूर्ण असामान्यताएं पाई गई. विशेष कर लैटिन अमेरिका, उत्तरी अमेरिका के बुजुर्गों में काफी वृद्धि रिकॉर्ड की गई है. रिसर्च से पता चला है कि वर्ष 2000 और 2010 के बीच मामूली कमी के बाद, पिछले दशक में मेटाबॉलिक जोखिम कारक के कारण मृत्यु दर में चिंता जनक वृद्धि देखी गई.
Kidney Disease : “शीघ्र निदान है आवश्यक” – हार्दिक दिनेश भाई देसाई
देसाई ने बताया “शीघ्र निदान के साथ स्वस्थ जीवन शैली डायबीटीज हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को रोकने के बारे में जन जागरूकता अभियान अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.” इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि “तुरंत कार्यवाही के बिना केकेडी में निरंतर वृद्धि स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को प्रभावित कर सकती है और दुनिया भर में मृत्यु दर में इजाफा हो सकता है.”