Commonwealth Games 2026: स्कॉटलैंड के ग्लासगो में आयोजित होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से कुश्ती समेत कई बड़े खेलों को बाहर कर दिया गया है. 12 साल बाद इस शहर में लौटे खेलों में उन खेलों को भी बाहर कर दिया गया है, जिनमें भारत लंबे समय से अच्छा प्रदर्शन करता रहा है. भारत का सम्मान रहे हॉकी और कुश्ती समेत क्रिकेट, निशानेबाजी, टेबल टेनिस और स्क्वाश को भी बाहर कर दिया गया है. लेकिन इसके कारण को लेकर ग्लासगो ने सफाई दी है, कि वे अपने बजट में कटौती करना चाहते हैं. पहले ये खेल ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया प्रांत में होने थे, लेकिन वह भी बजट की समस्या के कारण इसकी मेजबानी से हट गया था. बजट की वजह से ग्लासगो में आठ मील के दायरे में ही 10 खेल चार स्थानों पर आयोजित होंगे.
इन खेलों को हटाए जाने को लेकर भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने कुछ मिश्रित-सा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कुश्ती, बैडमिंटन और हॉकी जैसे पदक दिलाने वाले खेलों को बहर करना देश के लिए निराशाजनक है. उषा ने यह भी कहा कि हम उनके द्वारा बताए गए कारणों को भी दरकिनार नहीं कर सकते. उषा ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए गए बयान में कहा कि 2026 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए खेलों के कार्यक्रम में कटौती निराशाजनक है लेकिन मुझे यकीन है कि आप समझेंगे कि 2026 के खेल राष्ट्रमंडल खेलों के भविष्य के लिए एक पुल का काम करेंगे. भारत बहुत सारे पदक जीतने से वंचित रह जाएगा. हालांकि उषा ने सिटी काउंसिल के कारणों का बचाव भी किया है. आईओए अध्यक्ष ने कहा कि वे लागत कम करना चाहते हैं और खेलों के पर्यावरणीय प्रभाव को भी कम रखने का प्रयास कर रहे हैं और खेलों से सामाजिक लाभ भी अर्जित करना चाहते हैं. यह प्रगतिशील और टिकाउ मॉडल बहुत रोमांचक है और भविष्य में अधिक देशों को खेलों की मेजबानी करने में सक्षम करेगा.
आईओए अध्यक्ष ने खेलों को बाहर करने के ग्लासगो के फैसले की आलोचना करते हुए इस कदम के बाद खेलों की प्रासंगिकता पर भी सवाल उठाए हैं. पीटी उषा ने कहा सीमित समय-सीमा और वित्तीय बाधाओं को देखते हुए, सीजीएफ (राष्ट्रमंडल खेल महासंघ) का ध्यान वित्तीय रूप से जिम्मेदार होते हुए उच्च-गुणवत्ता वाले खेलों को आयोजित करने पर रहा है. ताकि जोखिम कम किया जा सके और खिलाड़ियों और खेलों को प्राथमिकता देने पर जोर दिया जा सके. आगे उन्होंने कहा कि 1998 तक राष्ट्रमंडल खेलों में 10 खेलों का आयोजन होता था और भविष्य में जब प्रतियोगिता की मेजबानी का एक स्थिर मॉडल तैयार हो जाएगा तो इसमें स्वयं विस्तार हो सकता है. राष्ट्रमंडल खेलों के 23वें सत्र का आयोजन 23 जुलाई से दो अगस्त तक स्कॉटलैंड की राजधानी ग्लासगो में आयोजित किया जाएगा.