Tuesday, October 22, 2024
HomeReligionAbhimanyu Vadh In Mahabharat: भगवान श्री कृष्ण ने इसलिए नहीं बचाई अभिमन्यु...

Abhimanyu Vadh In Mahabharat: भगवान श्री कृष्ण ने इसलिए नहीं बचाई अभिमन्यु की जान, बस इतनी छोटी उम्र में वीरगती को हुआ था प्राप्त

Abhimanyu Vadh In Mahabharat: धनुर्धर अर्जुन और भगवान कृष्‍ण की बहन सुभद्रा के पुत्र अभिमन्‍यु की वध की कथा सभी को ज्ञात है. उसने अपनी माता के गर्भ में चक्रव्‍यूह को भेदने की कला सीख ली थी. जब महाभारत का युद्ध आरंभ हुआ, तो उसने कौरवों द्वारा निर्मित चक्रव्‍यूह को न केवल तोड़ा, बल्कि अकेले ही कई योद्धाओं को पराजित किया. अभिमन्‍यु के युद्ध कौशल के समक्ष कौरवों की स्थिति कमजोर हो गई, और अंततः कई योद्धाओं ने उसे निहत्‍थे और अकेले घेरकर मार डाला. केवल 16 वर्ष की आयु में अभिमन्‍यु ने वीरगति को प्राप्त किया. जिस युद्धभूमि पर भगवान कृष्‍ण स्वयं उपस्थित थे, वहां इस प्रकार का अधर्म हुआ और वे अपने प्रिय भांजे को नहीं बचा सके, इसके पीछे एक गहरा रहस्‍य छिपा हुआ है.

Ahoi Ashtami 2024: अहोई अष्टमी के दिन पहनी जाती है स्याहु की माला, जानें इसका महत्व

चंद्र देव के पुत्र थे अभिमन्यु

जब भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म की स्थापना के लिए पृथ्वी पर अवतार लेने का निर्णय लिया, तब सभी देवी-देवताओं ने उनकी लीला का अनुभव करने के लिए किसी न किसी रूप में धरती पर आने का निश्चय किया. कई देवी-देवता मानव रूप में जन्मे, जबकि कुछ ने अपने अंश या पुत्रों को पृथ्वी पर भेजने का निर्णय लिया, जैसे सूर्य के पुत्र कर्ण और इंद्र के पुत्र अर्जुन. किंतु चंद्र देव इस प्रक्रिया में पीछे रह गए. उन्हें निर्देश दिया गया कि वे अपने पुत्र ‘वर्चा’ को पृथ्वी पर भेजने की अनुमति दें. लेकिन चंद्र देव अपने पुत्र के प्रति अत्यधिक प्रेम रखते थे और उससे दूर जाने का विचार भी नहीं कर सकते थे.

अभिमन्‍यु के जन्‍म से पूर्व ही उसके पिता ने उसकी मृत्‍यु की आयु निर्धारित कर दी थी. अभिमन्‍यु के पिता पांडव अर्जुन नहीं, बल्कि चंद्रदेव थे. चंद्रदेव के पुत्र प्रेम के कारण अभिमन्‍यु अल्‍पायु में जन्‍मे थे. वास्तव में, चंद्रदेव के पुत्र वर्चा ने अर्जुन के पुत्र अभिमन्‍यु के रूप में जन्‍म लिया था.

जब भगवान श्रीकृष्ण पृथ्वी पर धर्म की स्थापना के लिए अवतार लेने वाले थे, तब सभी देवी-देवताओं ने भगवान की लीला का अनुभव करने के लिए धरती पर आने का निर्णय लिया. कई देवी-देवता स्वयं मनुष्‍य बनकर धरती पर आए, जबकि कुछ ने अपने अंश या पुत्रों को भेजा, जैसे सूर्य के पुत्र कर्ण और इंद्र के पुत्र अर्जुन. लेकिन चंद्र देव ने अपने पुत्र वर्चा को पृथ्वी पर अवतरित होने की अनुमति देने में संकोच किया. चंद्र देव अपने सुंदर पुत्र वर्चा के प्रति अत्यधिक प्रेम रखते थे.

इसलिए जरूरी थी अभिमन्यू की मृत्यु

जब देवताओं ने बार-बार प्रार्थना की, तब चंद्र देव ने उत्तर दिया कि वह अपने पुत्र को केवल 16 वर्षों के लिए पृथ्वी पर भेज सकते हैं, इसके बाद वह पुनः उनके पास लौट आएगा. चंद्र देव का यह पुत्र अभिमन्यु था. भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे उनके पुत्र को 16 वर्षों के बाद वापस भेज देंगे. इसी कारण अभिमन्यु ने कम आयु में वीरगति प्राप्त की.


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular