Tuesday, October 22, 2024
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Chhath Puja 2024: छठ पूजा कब है? तिथि को लेकर लोगों में कंफ्यूजन, जानें नहाय-खाय और खरना की डेट और शुभ मुहूर्त

Chhath Puja 2024 Date-Time: श्राद्ध खत्म होने के बाद त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है. अब तक दशहरा और करवा चौथ धूमधाम से मनाए जा चुके हैं. अब इंतजार है दिवाली और छठ पूजा का. इन त्योहारों को मनाए जाने की तिथियों को लेकर लोगों में कंफ्यूजन है. हालांकि, दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी, ये तो विद्वानों से फाइनल कर दी है. लेकिन, आस्था का महापर्व छठ को लेकर अब भी असमंजस्य की स्थिति बनी हुई है. अब सवाल है कि आखिर इस साल कब है आस्था का महापर्व छठ? क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त? छठ पर कब दिया जाएगा अर्ध्य? इस बारे में News18 को बता रहे हैं प्रतापविहार गाजियाबाद के ज्योतिर्विद एवं वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी-

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, लोक आस्था का महापर्व छठ कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है. इस दौरान सूर्य देव की पूजा-उपासना होती है. छठ की शुरुआत नहाय-खाय से होती है, जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इसके अगले दिन खरना मनाया जाता है. वहीं, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य देव और सप्तमी तिथि को उगते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. उगते सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूजा का समापन होता है. व्रती खरना पूजा के बाद लगातर 36 घंटे तक निर्जला उपवास करती हैं.

छठ पूजा 2024 का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य राकेश चतुर्वेदी बताते हैं कि, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 07 नवंबर को देर रात 12:41 बजे शुरू होगी और 08 नवंबर को देर रात 12:34 बजे समाप्त होगी. ऐसे में 07 नवंबर को संध्याकाल का अर्ध्य दिया जाएगा. इसके अगले दिन यानी 08 नवंबर को सुबह का अर्घ्य दिया जाएगा.

नहाय-खाय 2024 कब और समय?

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय खाय होता है. इस दिन व्रती गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान के बाद सूर्य देव की पूजा करते हैं. इसके बाद सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं. भोजन में चावल-दाल और लौकी की सब्जी ग्रहण करती हैं. पंचांग गणना के अनुसार, 05 नवंबर को नहाय खाय है.

खरना 2024 कब और समय?

लोक आस्था महापर्व के दूसरे दिन यानी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को खरना मनाया जाता है. इस दिन व्रती दिन भर निर्जला उपवास रखती हैं. संध्याकाल में स्नान-ध्यान कर छठी मैया के निमित्त पूजा करती हैं. पूजा के बाद व्रती प्रसाद ग्रहण करती हैं. इसके बाद निर्जला व्रत की शुरुआत होती है. इस वर्ष 06 नवंबर को खरना है.

छठ 2024 अर्घ्य देने का शुभ समय

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि यानी 07 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं, सप्तमी तिथि यानी 08 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य जाएगा. ये समय बहुत ही उत्तम है.

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Tags: Chhath Puja, Dharma Aastha


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