Brain TB : मस्तिष्क की टीवी के उपचार के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने एक नई दवा वितरण विधि को विकसित किया है. यह गंभीर मस्तिष्क टीवी के उपचार को प्रभावशाली बना सकते हैं. इस विधि द्वारा दवाओं को सीधे मस्तिष्क तक पहुंचना आसान हो जाएगा, जिससे रोगियों के उपचार में सुधार की उम्मीद की गई है.
Brain TB : कितनी गंभीर है यह बीमारी?
मस्तिष्क की टीबी, टीबी के सबसे घातक रूप में से एक है. इसे सीएनएस टीबी(CNS-TB) या तंत्रिका तंत्र टीबी भी कहा जाता है. यह स्थिति मस्तिष्क में होने वाले संक्रमण के कारण होती है. इसके लक्षण काफी ज्यादा गंभीर होते हैं और यह मृत्यु का खतरा भी बन सकती है. सीएनएस टीबी की बीमारी में दवा को मस्तिष्क तक पहुंचाना चिकित्सकों के लिए अभी तक एक बहुत बड़ी चुनौती थी क्योंकि मस्तिष्क को सुरक्षित रखने वाली रक्त मस्तिष्क अवरोध बीबीबी दवाओं को मस्तिष्क नहीं पहुंचने देती है.
Brain TB : कैसे पहुंचाई जाएगी मस्तिष्क तक या दवा?
इस विधि द्वारा टीबी की दवाओं को मस्तिष्क तक पहुंचाया जाएगा और इसका माध्यम बनेगी नाक. जी हां, इन दवाओं को नाक से घ्राण और ट्राइजेमिनल तंत्रिका मार्गो से मस्तिष्क तक पहुंचाया जाएगा जिससे बीबीबी को बाईपास किया जा सकेगा और दवाएँ सफलतापूर्वक मस्तिष्क तक पहुँच जाएंगी. नैनो एग्रीगेट्स टीबी की दवाएं जैसे की आइसोनियाजिड और रिफैम्पिसिन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं जिससे मस्तिष्क में संक्रमण के स्थान पर दवा की जैव उपलब्धता में सुधार हो सकता है.
Brain TB : प्रयोग के बाद मिला यह परिणाम?
टीबी की दवा का प्रयोग टीबी से संक्रमित चूहों के ऊपर किया गया, जिस दौरान पता चला की नैनो एग्रीगेट्स का उपयोग करके मस्तिष्क में बैक्टीरिया की संख्या में 1000 गुना कमी पाई गई. इसके कारण प्रयोगशाला परीक्षण में इस विधि के आशाजनक परिणाम देखने को मिले. इस विधि से दवा का मस्तिष्क तक पहुंचाना बेहतर तरीके से सफल हुआ और संक्रमण के कारण होने वाली सूजन में भी कमी आई.
अध्ययन इस अध्ययन द्वारा मस्तिष्क टीवी के इलाज के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है वैज्ञानिकों के अनुसार यह तकनीक न केवल मस्तिष्क टीबी के उपचार में सहायक होगी बल्कि अन्य मस्तिष्क संबंधी रोग जैसे कि अल्जाइमर, पार्किनसंस, मिर्गी, ट्यूमर जैसे बीमारियों में भी उपयोग की जा सकती है.
Brain TB : क्या है चिटोसन नैनो-एग्रीगेट्स ?: बीबीसी से बाईपास कराने में है कितने सक्षम
मनोविज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान INST, मोहाली के वैज्ञानिकों ने रक्त मस्तिष्क अवरोध बीबीसी को बाईपास करने के लिए एक नई विधि इजात की है. वैज्ञानिकों की पूरी टीम ने चिटोसन से तैयार किए गए नैनो एग्रीगेट्स को बनाया है जो मस्तिष्क तक दावों को पहुंचने में सफल होगा. चिटोसन एक प्राकृतिक बायोकॉम्पेटिबल और बायोडिग्रेडेबल पदार्थ है इसका उपयोग नाक से दवाओं को मस्तिष्क तक पहुंचाने के लिए किया जाएगा.