CNG Price Hike: भारत के दो राज्य झारखंड और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव के ठीक बाद देश में सीएनजी (कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस) से चलने वाले सवारी वाहनों (ऑटो-टैक्सी) से सफर करना महंगा हो जाएगा. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि इन दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव के समाप्त होने के साथ ही सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना है. इसका कारण यह है कि सरकार ने सीएनजी की बिक्री करने वाली शहरी गैस वितरण कंपनियों को सस्ती गैस की आपूर्ति में कटौती कर दी है, जिससे इसकी कीमत में बढ़ोतरी होने की आशंका जाहिर की जा रही है.
कंपनियों को खरीदनी होगी महंगी सीएनजी
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने वाहनों को सीएनजी की बिक्री करने वाली शहरी गैस वितरण कंपनियों को सस्ती गैस की आपूर्ति में पांचवें हिस्से तक की कटौती कर दी है. इससे महंगे आयातित ईंधन पर उनकी निर्भरता बढ़ जाएगी. सस्ती गैस में आई कमी की भरपाई के लिए कंपनियों को महंगी आयातित गैस खरीदनी होगी, जिससे उनके द्वारा आपूर्ति की जाने वाली सीएनजी की कीमतें बढ़ सकती हैं. हालांकि, सीएनजी कीमतों में बढ़ोतरी को महाराष्ट्र एवं झारखंड में होने जा रहे विधानसभा चुनावों तक टाला जा सकता है.
सरकार ने सीएनजी सप्लाई में की कटौती
देश की दो बड़ी कंपनियां इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) और महानगर गैस लिमिटेड ने शेयर बाजारों को सूचित किया है कि घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस की आपूर्ति में कटौती कर दी गई है. पहले यह आयातित कीमत से आधी दर पर उपलब्ध थी. आईजीएल ने कहा कि कंपनी को सरकार की ओर से निर्धारित मूल्य (6.5 डॉलर प्रति एमबीटीयू) पर सीएनजी बिक्री मात्रा की जरूरत पूरी करने के लिए घरेलू गैस मिलती है, लेकिन नोडल एजेंसी गेल (इंडिया) लिमिटेड से मिली सूचना के मुताबिक 16 अक्टूबर से कंपनी को घरेलू गैस आवंटन में बड़ी कमी आई है. आईजीएल ने कहा कि उसका संशोधित घरेलू गैस आवंटन पिछले आवंटन से लगभग 21% कम है, जिसका असर उसकी लाभप्रदता पर पड़ेगा. इस प्रभाव को कम करने के लिए आईजीएल प्रमुख हितधारकों के साथ चर्चा कर रही है.
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सीएनजी आवंटन में 20% की कमी
महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) ने कहा कि सीएनजी के लिए उसका आवंटन पिछले औसत तिमाही आवंटन की तुलना में 20% कम कर दिया गया है. इस कमी को पूरा करने के लिए कंपनी नए विकल्पों की तलाश कर रही है. रेटिंग एजेंसी इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश कदम ने कहा कि शहरी गैस वितरण के लिए नियंत्रित मूल्य पर होने वाले गैस आवंटन में 20% की कमी की गई है. इसकी भरपाई अधिक महंगी आयातित एलएनजी से की जाएगी, जिससे इस क्षेत्र के लिए समग्र गैस लागत में वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि मौजूदा स्तरों पर अंशदान मार्जिन को बनाए रखने के लिए सीएनजी की कीमतों में 5 रुपये से लेकर 5.5 रुपये प्रति किलोग्राम तक की वृद्धि करनी होगी. ऐसा होने पर सीएनजी वाहन पंजीकरण में वृद्धि धीमी हो सकती है, जो इस क्षेत्र के लिए सीएनजी बिक्री की मात्रा का मुख्य चालक रहा है.
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