इस साल 2024 में करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर रविवार को है. करवा चौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस दिन व्रती महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर पारण करती हैं. कई बार खराब मौसम के कारण आसमान में चांद दिखाई नहीं देता है. यदि इस साल करवा चौथ पर चांद दिखाई नहीं देगा तो आपका व्रत कैसे पूरा होगा? यह व्रती महिलाओं और उनके जीवनसाथी के लिए बड़ी चिंता का विषय हो सकता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बता रहे हैं कि करवा चौथ पर चांद न दिखे तो क्या कर सकते हैं? ऐसी स्थिति में व्रत को कैसे पूरा कर सकती हैं? करवा चौथ व्रत का पारण कैसे करेंगी?
करवा चौथ पर न दिखे चांद तो ऐसे करें पूजा और पारण
यदि इस साल करवा चौथ की रात आपकी छत पर चांद दिखाई नहीं देता है तो आप कुछ आसान ज्योतिष उपाय कर सकती हैं. करवा चौथ की रात पास के किसी शिव मंदिर में जाएं, जहां पर भगवान शिव के माथे पर चंद्रमा स्पष्ट रूप से दिखता हो. भगवान शिव के माथे को चंद्रमा सदैव सुशोभित करता रहता है. आप चंद्रोदय समय के बाद मंदिर में जाकर शिव जी के माथे पर लगे चंद्रमा को अर्घ्य देकर करवा चौथ का पारण करके व्रत को पूरा कर सकती हैं.
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करवा चौथ पर चांद न दिखे तो दूसरा उपाय भी है. ज्योतिषशास्त्र में चंद्रमा का शुभ रत्न चांदी है. चंद्रोदय के समय के बाद आप चांदी का एक सिक्का या फिर चांदी का एक गोल टुकड़ा ले लें. उसे चंद्रमा का प्रतिरूप मानकर उसकी पूजा करें. उसे चंद्रमा मानकर करवा चौथ का अर्घ्य दें. फिर पारण करके व्रत को पूरा कर लें.
करवा चौथ पर क्यों करते हैं चंद्रमा की पूजा?
पौराणिक कथा के अनुसार, चंद्रमा को दक्ष प्रजापति ने क्षय रोग का श्राप दिया था. इसकी वजह से वे अपनी कांति खोते जा रहे थे और जीवन पर संकट के बादल मंडरा रहे थे, तब उन्होंने शिव जी की पूजा की. भगवान भोलेनाथ की कृपा से उनके सभी दोष और पाप मिट गए. उनको जीवनदान प्राप्त हुआ और आयु में वृद्धि हो गई. इस वजह से विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा करती हैं और अर्घ्य देती हैं.
करवा चौथ के दिन वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी का व्रत होता है. भगवान गणेश जी ने चंद्रमा को तेजहीन होने का श्राप दे दिया था क्योंकि उन्होंने गणपति बप्पा के रंग और रूप को लेकर उपहास किया था. बाद में क्षमा मांगने पर गणेश जी ने कहा कि शुक्ल पक्ष में 15 दिन चंद्रमा का तेज बढ़ेगा और कृष्ण पक्ष के 15 दिनों में घटेगा. गणेश जी ने चंद्रमा को आशीर्वाद दिया कि संकष्टी चतुर्थी पर बिना चंद्रमा की पूजा के व्रत पूर्ण नहीं होगा.
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब शिवजी ने गणेश जी का मस्तक काट दिया था तो वह चंद्रलोक में जाकर गिरा. फिर गणेश जी को हाथी का मुख लगाया गया. कहा जाता है कि गणेश जी का सिर चंद्र लोक में ही है. इस वजह से करवा चौथ पर गणेश जी के साथ चंद्रमा की पूजा करते हैं.
करवा चौथ 2024 मुहूर्त
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि का शुभारंभ: 20 अक्टूबर, रविवार, सुबह 6 बजकर 46 मिनट से
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि का समापन: 21 अक्टूबर, सोमवार, प्रात: 4 बजकर 16 मिनट तक
करवा चौथ पर चांद निकलने का समय: शाम 7 बजकर 54 मिनट पर
करवा चौथ पूजा मुहूर्त: शाम 5 बजकर 46 मिनट से 7 बजकर 2 मिनट तक
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Tags: Dharma Aastha, Karva Chauth, Religion
FIRST PUBLISHED : October 18, 2024, 11:00 IST