जहां चाह है, वहां राह है: कृष्णा यादव की प्रेरणादायक सफलता की कहानी
Success Story: दिल्ली के नजफगढ़ इलाके की कृष्णा यादव ने केवल 500 रुपये से शुरूआत करके 5 करोड़ रुपये का टर्नओवर देने वाली कंपनी खड़ी कर दी. कृष्णा ने एक छोटे से कमरे से अचार बनाने की शुरुआत की, और आज उनकी कंपनी “श्री कृष्णा पिकल्स” का सालाना टर्नओवर 5 करोड़ रुपये है. आइए जानते हैं उनकी संघर्षपूर्ण यात्रा के बारे में.
कठिनाइयों का सामना: घर बेचना पड़ा
कृष्णा यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव दौलतपुर में हुआ था. उन्हें कभी स्कूल जाने का मौका नहीं मिला. शादी के बाद वे अपने पति के साथ बुलंदशहर में रहने लगीं, जहां उनके पति ट्रैफिक पुलिस में कार्यरत थे. लेकिन जब उनके पति की नौकरी चली गई और व्यवसाय में भारी नुकसान हुआ, तो परिवार को अपनी दो संपत्तियां बेचनी पड़ीं. हालात इतने खराब हो गए थे कि रोज़मर्रा का खाना जुटाना भी मुश्किल हो गया। परिवार को कई बार सिर्फ रोटी और नमक खाकर दिन गुजारने पड़े.
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500 रुपये से नई शुरुआत
परिस्थितियां जब अत्यधिक चुनौतीपूर्ण हो गईं, तब कृष्णा और उनके पति ने दिल्ली की ओर रुख किया. उनके पास मात्र 500 रुपये थे जो एक दोस्त से उधार लिए थे. दिल्ली में काफी संघर्ष के बावजूद उन्हें कोई काम नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने बटाई पर एक खेत लिया और खेती शुरू की. हालांकि, इससे परिवार की आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार नहीं हुआ क्योंकि सब्जियों की कीमतें बहुत अस्थिर रहती थीं, जिससे पांच लोगों के परिवार का गुजारा मुश्किल हो गया.
छोटे से कमरे में बिजनेस की शुरुआत
हालातों से लड़ते हुए कृष्णा ने 2001 में कृषि विज्ञान केंद्र, उजवा में तीन महीने की फूड प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग ली. इसके बाद उन्होंने 3000 रुपये की लागत से अपने खेत में उपजी मिर्च और करौंदे से अचार बनाना शुरू किया. पहले प्रयास में उन्होंने 5250 रुपये का मुनाफा कमाया. इस छोटे से कदम ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ा दिया और उन्होंने धीरे-धीरे अपने बिजनेस को बढ़ाना शुरू किया. कुछ सालों में ही उन्होंने अपनी कंपनी “श्री कृष्णा पिकल्स” की स्थापना की, जो आज 5 करोड़ रुपये का कारोबार कर रही है. उनकी कंपनी की चार यूनिट हैं, जिनमें से दो दिल्ली और दो हरियाणा में स्थित हैं, जहां 152 तरह के प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं.
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सफलता की ऊंचाइयां: अवॉर्ड्स और पहचान
कृष्णा यादव की मेहनत और सफलता ने उन्हें समाज में एक आदर्श महिला उद्यमी के रूप में स्थापित किया है. आज उन्हें विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में लेक्चर देने के लिए आमंत्रित किया जाता है. 2014 में हरियाणा सरकार ने उन्हें “इनवेटिव आइडिया पहली चैंपियन किसान महिला अवार्ड” से सम्मानित किया. 2013 में वाइब्रेंट गुजरात इवेंट में उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 51 हजार रुपये का चेक देकर सम्मानित किया. इसके अलावा, 2016 में भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने उन्हें “नारी शक्ति सम्मान 2015” से भी नवाजा. कृष्णा यादव की यह प्रेरणादायक कहानी साबित करती है कि अगर आपके पास मजबूत इच्छा शक्ति और मेहनत करने का जज्बा हो, तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है.
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