Saturday, November 16, 2024
HomeReligionShardiya Navratri 2024 5th Day: आज नवरात्रि का 5वां दिन, स्कंदमाता का...

Shardiya Navratri 2024 5th Day: आज नवरात्रि का 5वां दिन, स्कंदमाता का आशीर्वाद पाने के लिए इस विधि से करें पूजा, होगी ऐश्वर्य की प्राप्ति

हाइलाइट्स

आज मां दुर्गा के 5वें स्वरूप यानी मां स्कंद माता की पूजा की जाती है. भगवान स्कन्द की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है.

Shardiya Navratri 2024 5th Day : सनातन धर्म में नवरात्रि का त्योहार अन्य प्रमुख त्योहार में से एक है. इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का विधान है. शारदीय नवरात्रि का ये पर्व 3 अक्टूबर से शुरू हो चुका है. आज मां दुर्गा के 5वें स्वरूप यानी मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. धार्मिक पुराणों के अनुसार, भगवान स्कन्द की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है. देवी स्कंदमाता को सफेद रंग अत्यंत पसंद है, जो शांति और सुख का प्रतीक है. इस दिन मां स्कंदमाता की पूजा कैसे की जाए आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्कंदमाता का ये स्परूप परम सुख शांति का अनुभव कराता है. इस दिन जो भक्त मां दुर्गा के इस रूप की पूजा करता है, उसकी हर इच्छाओं की पूर्ति होती हैं. मान्यता है कि स्कंदमाता की पूजा से मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं.

यह भी पढ़ें – जाना है केदारनाथ धाम? पहले करें इस मंदिर के दर्शन, जानें तीर्थ यात्रा करने से पहले और बाद में कहां जाना है जरूरी?

ऐसा है स्कंदमाता का स्वरूप
स्कंदमाता का ये स्वरूप कमल के आसन पर विराजमान हैं, जिसके कारण उन्हें देवी पद्मासना भी कहा जाता है. स्कंदमाता का वाहन सिंह है और उनकी चार भुजाएं हैं. जिसमें से दाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा में कमल का पुष्प है. दाईं तरफ की नीचे वाली भुजा में भगवान स्कंद गोद में विराजमान हैं. जबकि, बाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा में कमल पुष्प और नीचे वाली भुजा वरमुद्रा में है.

यह भी पढ़ें – हाथ में है गाड़ी, बंगला, दौलत, शोहरत, 13 निशानों से करें पहचान, भाग्य जगा सकते हैं रेखाओं में बने गज, सिंह और घोड़ा के निशान

इस विधि से करें स्कंदमाता की पूजा
नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता के स्वरूप की पूजा होती है.
सुबह जल्दी उठ कर स्नानदि से निवृत्त हो जाएं और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
अब उस स्थान पर माता की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें जहां आपने कलश स्थापना की है.
इसके बाद आप माता को फूल चढ़ाएं, फिर फल और मिष्ठान का भोग लगाएं.
अब धूप दीप जलाएं और फिर स्कंदमाता की आरती करें.
इस विधि से पूजा करें, स्कंदमाता का शुभ आशीर्वाद प्राप्त होगा.

देवी स्कंदमाता का मंत्र
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया . शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥

Tags: Dharma Aastha, Durga Puja festival, Navratri festival, Religion


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular