Mutual Funds: म्यूचुअल फंड निवेश का बेहतरीन ऑप्शन है और एसआईपी इसका सशक्त साधन. अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं, तो आपने सही वित्तीय विकल्प चुना है. आपने ऐसा रास्ता चुना है, जो लंबे समय में आपके और आपके परिवार के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. वहीं, अगर आपने म्यूचुअल फंड में निवेश करने का प्लान बना ही लिया है, तो कुछ ऐसी बातें या गलतियां भी है, जिससे आपको दूर रहना है. ऐसी करीब 8 गलतियां हैं, जिससे आपको फायदा होने के बजाय नुकसान भी हो सकता है. आइए, जानते हैं कि वे कौन-कौन सी गलतियां हैं, जिससे हमेशा दूर रहना चाहिए.
बिना उद्देश्य के म्यूचुअल फंड में न करें निवेश
आईसीआईसी बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश पोर्टफोलियो के बारे में निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय उद्देश्य स्पष्ट करने की जरूरत है. वित्तीय उद्देश्य निवेश की समय अवधि से भी संबंधित है. आपका उद्देश्य नई कार खरीदना, एक निश्चित समय के बाद अपार्टमेंट खरीदना, बच्चे की शिक्षा, टैक्स की बचत आदि हो सकता है.
फंडों की तुलना कभी न करें
म्यूचुअल फंड को स्ट्रक्चर, जोखिम, निवेश हॉरिजोन, निवेश उद्देश्यों और दूसरे कारकों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है. यदि आप स्मॉल-कैप फंड में निवेश करना चाहते हैं, तो आप इसके प्रदर्शन की तुलना लार्ज-कैप फंड से नहीं कर सकते. बाजार विनियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनियामक बोर्ड (सेबी) के अनुसार, स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड जोखिम भरे होते हैं. इसका कारण यह है कि वे उन कंपनियों में निवेश करते हैं, जो बाजार पूंजीकरण के मामले में 250 से नीचे रैंक की ओर जाती हैं. वहीं, लार्ज-कैप फंड कम जोखिम वाले होते हैं. ये बाजार पूंजीकरण के अनुसार कंपनियों की टॉप 100 की सूची में निवेश करते हैं. तुलना सही साथियों और सही बेंचमार्क के साथ की जानी चाहिए.
जोखिम प्रोफाइल का आकलन किए बिना फंड मत चुनें
म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश आपके अपने जोखिम प्रोफाइल के अनुसार चुनना चाहिए. कम जोखिम वाले प्रोफाइल और दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों वाले व्यक्तियों को डेट और इक्विटी इंस्ट्रूमेंट्स के लाभदायक मिश्रण वाला संतुलित पोर्टफोलियो अधिक सटीक लगेगा. वहीं, कोई व्यक्ति अधिकतम रिटर्न चाहता है और जोखिम के मामले में हाई रिस्क लेने के लिए तैयार है, तो वह ऐसे इक्विटी का विकल्प चुन सकता है जो ऐसे निवेशकों के लिए बेहतर हैं.
म्यूचुअल फंड पर शोध में कमी न करें
चाहे वह म्यूचुअल फंड से जुड़ा जोखिम हो या आम दिलचस्पी से जुड़ा मामला हो. इंटरनेट की पहुंच की वजह से अब विवरण के लिए शोध करना आसान हो गया है. हालांकि, सभी जानकारी को इस तरह से प्राप्त करना महत्वपूर्ण है कि वह आपके लिए सबसे बेहतर हो. इसलिए म्यूचुअल फंड पर व्यय अनुपात, संपत्ति का आकार, ऐतिहासिक रिटर्न, निकास भार और कर जैसी चीजों पर शोध करें.
दूसरे निवेशकों की रणनीतियों की नकल करना
आपने एक सफल निवेशक की कहानी के बारे में किताब या रिपोर्ट पढ़ी है और आप उस निवेशक की निवेश रणनीति की नकल करने का फैसला करते हैं. आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने का फैसला करते हैं, जो उसके पोर्टफोलियो में जिक्र किया गया है. इसका कारण यह है कि उस रणनीति से उसने अच्छा रिटर्न प्राप्त किया है. जो सही है, उसकी नकल करने में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन म्यूचुअल फंड निवेश के मामले में बहुत सारी गलतियां हैं. यदि आप इसे अपने जोखिम और प्राथमिकताओं के अनुसार नहीं कर रहे हैं, तो नुकसान हो सकता है.
पोर्टफोलियो में विविधता की कमी
यदि आप अपने फंड को किसी एक कंपनी या स्टॉक में लगा रहे हैं और यह अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है, तो आपको कोई फायदा नहीं होगा. म्यूचुअल फंड पर अच्छा रिटर्न पाने के लिए विविधीकरण महत्वपूर्ण है. यह आपके जोखिम को कम करने या फैलाने में मदद करता है. इसलिए भले ही कुछ फंड नीचे जा रहे हों. दूसरे लाभ कमा सकते हैं और आपके नुकसान को खत्म कर सकते हैं.
फंड से बेकार की उम्मीदें रखना
नौसिखिए लोग आमतौर पर अपने निवेश से बंपर रिटर्न की तलाश करते हैं. वे चाहते हैं कि सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला फंड अपना प्रदर्शन जारी रखे, लेकिन फंड से ऐसी बेकार की उम्मीदें रखना गलत है. म्यूचुअल फंड किसी को कुछ महीनों में अमीर बनाने के लिए नहीं हैं, बल्कि वे किसी व्यक्ति के लिए दीर्घकालिक वित्तीय धन सुनिश्चित करने के लिए हैं.
इसे भी पढ़ें: 9 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में आने वाला PM Kisan का पैसा, ऐसे चेक करें स्टेटस
घबराहट में ऊटपटांग हरकत न करें
बाजार में गिरावट के मामले में कई निवेशक केवल घबराहट में फंड छोड़कर बाहर निकल जाते हैं. चूंकि उन्हें अपना मूलधन खोने का डर है. इसलिए वे अपने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले म्यूचुअल फंड को बेचने की कोशिश करते हैं. एक निवेशक को फंड बेचने का फैसला करने से पहले फंड के प्रदर्शन, बाजार का प्रदर्शन, वर्तमान वित्तीय, आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य आदि की निगरानी करनी चाहिए.
इसे भी पढ़ें: SIP का नियम 7-5-3-1 क्या है, जिसमें छुपा है करोड़पति बनने का राज?