Saturday, November 16, 2024
HomeReligionRavi Pradosh Vrat 2024: आश्विन मास का पहला प्रदोष व्रत इस दिन

Ravi Pradosh Vrat 2024: आश्विन मास का पहला प्रदोष व्रत इस दिन

Ravi Pradosh Vrat 2024: प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत का आयोजन किया जाता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की संध्याकाल में पूजा-अर्चना करने का विधान है. आश्विन माह का पहला प्रदोष व्रत 29 सितंबर 2024 को पड़ रहा है. चूंकि यह व्रत रविवार को है, इसलिए इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा. इस दिन शिव मंत्रों का जाप करने से जीवन में खुशहाली और समृद्धि प्राप्त की जा सकती है. मान्यता है कि इन मंत्रों का जाप करने से साधक को मनचाहा कार्यक्षेत्र प्राप्त होता है.

आश्विन मास का पहला प्रदोष व्रत इस दिन

प्रदोष व्रत 29 सितंबर को रखा जाएगा. इस दिन त्रयोदशी तिथि की शुरुआत शाम 4:47 बजे से होगी और इसका समापन 30 सितंबर को शाम 7:06 बजे होगा.

Jivitputrika Vrat 2024: जीवित्पुत्रिका व्रत की कब से हुई थी शुरूआत, जानें

शिव मंत्रों का जाप करने के लाभ

जीवन में खुशहाली और समृद्धि प्राप्त होती है. प्रदोष व्रत के दिन शिव मंत्रों का जाप करने से भक्तों को शिव की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन में सुख-समृद्धि लाती है.

मनचाहा कार्यक्षेत्र प्राप्त होता है. मान्यता है कि इस दिन शिव मंत्रों का जाप करने से साधक को मनचाहा कार्यक्षेत्र प्राप्त होता है.

शिव की कृपा प्राप्त होती है. प्रदोष व्रत के दिन शिव की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को शिव की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन में कई तरह के लाभ प्रदान करती है.

इन मंत्रों का करें जाप

महामृत्युंजय मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

शिव स्तुति मंत्र: द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि. उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः..

शिव नामावली मंत्र: श्री शिवाय नम:, श्री शंकराय नम:, श्री महेश्वराय नम:, श्री सांबसदाशिवाय नम:, श्री रुद्राय नम:, ओम पार्वतीपतये नम:, ओम नमो नीलकण्ठाय नम:.

शिव प्रार्थना मंत्र: करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं . विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥

शिव गायत्री मंत्र: ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्.

शिव आरोग्य मंत्र: माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा. आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते.. ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्. उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्..

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular