Deadly Virus : ऐसे कई प्रकार के बैक्टीरिया और वायरस होते हैं जिनके संक्रमण के बाद यह सीधा व्यक्ति के दिमाग पर आक्रमण करते हैं. यह वायरस जानलेवा भी हो सकते हैं, अगर समय से इलाज नहीं कराया गया तो यह समस्या एक गंभीर रूप ले सकती है. दरअसल कोरोना महामारी के बाद दिमाग को प्रभावित करने वाले संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है, जो काफी गंभीर और जानलेवा हो सकते हैं. यह बीमारी जितनी ही गंभीर होती है, इसके लक्षण उतने ही आम होते हैं, इस तरह के संक्रमण होने पर आपको तेज बुखार, थकान, सर दर्द, उल्टी, उनींदापन पर गर्दन में अकड़न, घबराहट और एंजायटी जैसे समस्याएं हो सकती है.
Deadly Virus : कौन से संक्रमण, दिमाग पर असर डालते हैं?
Rabies : रेबीज
रेबीज पागल जानवर के काटने या खरोच लगने से होती है और यह एक घातक बीमारी होती है, यह इंसानों को और पालतू जानवरों को प्रभावित करती है. इस रोग से ग्रसित व्यक्ति की जैसे जैसे उम्र बढ़ती है, वह इसका असर अपने दिमाग पर होता महसूस कर सकता है, इसके लक्षण होते हैं गुस्सा बढ़ जाना और पागलपन जैसी हरकतें करना. अगर एक बार रेबीज का वायरस सेंट्रल नर्वस सिस्टम तक पहुंच गया तो व्यक्ति की जान नहीं बच पाती है और ऐसे में पेशेंट कोमा में भी जा सकता है और उसकी जान भी जा सकती है. इस बीमारी का एकमात्र बचाव है समय पर इलाज करवाना. इसके अतिरिक्त कुत्ते काटने के 24 घंटे के भीतर डॉक्टर की सलाह लेकर रेबीज का इंजेक्शन जरूर लगावाएं.
Dengue : डेंगू
डेंगू एक बैक्टीरिया जनित मच्छरों के कारण फैलने वाली बीमारी है जो दिमाग पर भी काफी गहरा असर डाल सकती है इसके कुछ प्रमुख प्रमुख लक्षणों में से हैं जोड़ों में दर्द होना जी मिचलाना उल्टी होना आंखों के पीछे दर्द और बुखार एक रिसर्च के अनुसार डी ए एन v2 और डी ए एन v3 नामक डेंगू के प्रकारों के संक्रमण सीधा मस्तिष्क को प्रभावित करता है और इस स्थिति को इंसेफ एलोपैथी भी कहते हैं जिसके कारण दिमाग में सूजन आ जाती है अगर डेंगू का इलाज समय रहते नहीं कराया गया तो इसकी वजह से लकवा और मस्तिष्क का घाट जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
Eastern Equine Encephalitis (EEE) : ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस
ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस एक प्रकार का संक्रमण है, जो संक्रमित मच्छरों के काटने के बाद होता है. यह एक वायरल बीमारी है, इसका वायरस संक्रमित व्यक्ति के इम्यून सिस्टम और मस्तिष्क को प्रभावित करता है. जिसके कारण व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता कमजोर होने लगती है. कुछ स्थितियों में यह भी देखा गया है कि यह बीमारी संक्रमित पक्षियों (मच्छर काटने से) के काटने से भी फैल सकती है.
COVID 19 : कोविड-19
कोविड-19 बीमारी कोरोनावायरस के कारण फैलती है कोरोना महामारी साल 2020 से लेकर 2021 तक वैश्विक स्तर पर अपनी छाप छोड़ी है. बीमारी के कारण दिमाग छोटे या लंबे समय तक प्रभावित रह सकता है, इसकी वजह से दिमाग में सूजन की समस्या होती है, जो बेचैनी, याददाश्त समस्याएं और ध्यान केंद्रित न कर पाने जैसी समस्याओं को जन्म देती है. कोविड-19 की वजह से लोग इस हद तक मानसिक रूप से बीमार हो जाते हैं कि उन्हें न होने वाली चीज भी दिखने और सुनाई देने लगती है. कोरोना के बाद मस्तिष्क आघात, चिंता, अवसाद, और मनोविकृति जैसी समस्याएं हो सकती है.
West Nile Fever : वेस्ट नाइल फीवर
वेस्ट नाइल फीवर फ्लेविविरिडे नामक वायरस की वजह से फैलता है, जीका और डेंगू जैसे संक्रमण भी इसी वायरस की देन होते हैं. इस बीमारी का नाम युगांडा के वेस्ट नाइल जिले के नाम पर रखा गया है. इसके लक्षण सर दर्द, गर्दन में अकड़न, मांसपेशियों में कमजोरी, बेचैनी, शरीर कांपना, दौरे, कोमा और तेज बुखार है. वेस्ट नाइल फीवर वैसे तो एक आम संक्रमण की तरह ही होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह दिमाग और रीढ़ की हड्डियों में सूजन की समस्या पैदा कर सकता है.