WHO: कुष्ठ रोग के मरीज आपको पूरी दुनिया में मिल जाएंगे. लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने जॉर्डन को कुष्ठ रोग को खत्म करने वाला दुनिया का पहला देश घोषित कर दिया है. जी हां, दरअसल डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने गुरुवार को बताया कि “डब्ल्यूएचओ जॉर्डन को बधाई देता है क्योंकि कुष्ठ रोग कई हजार साल से मानवता को पीड़ित किया है, पूरी दुनिया में इसे रोकने के लिए पूरी तरह से कोशिश किया जा रहा है लेकिन जॉर्डन से दो दशकों से अधिक समय से कुष्ठ रोग के किसी भी मामले की सूचना नहीं दी है.
यह देश हुआ कुष्ठ रोग से मुक्त
जॉर्डन ऐसा पहला देश है जो कुष्ठ रोग से मुक्त हो चुका है. जॉर्डन जैसे देश ने सदियों पुरानी इस बीमारी से पूरी तरह से आजाद हो गया है और वैश्विक स्तर पर कुष्ठ रोग को खत्म करने के प्रयासों के लिए एक बड़ी सफलता हासिल की है.
कुष्ठ रोग क्या है?
कुष्ठ रोग को सरल शब्दों में कोढ़ भी कहा जाता है जो एक संक्रामक बीमारी है. कुष्ठ रोग माइकोबैक्टीरियम लेप्री नामक बैक्टीरिया से फैलता है. इस बीमारी को हैनसेन रोग के नाम से भी जाना जाता है. कुष्ठ रोग त्वचा, नसों, आंखों और श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है.
कैसे फैलता है कुष्ठ रोग
कुष्ठ रोग ऐसे नहीं फैलता है. कुष्ठ रोग किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बहुत तेजी से फैलता है. जब कुष्ठ रोगी छींकता है या फिर खांसता है तो हवा के माध्यम से यह रोग फैलता है. कुष्ठ रोग अचानक नहीं फैलता है यह एक धीरे फैलने वाला रोग है.
किस देश में सबसे अधिक कुष्ठ रोग होता है
याद दिलाते चलें कि साल 2019 के आंकड़ों के अनुसार कुष्ठ रोग के केस भारत, ब्राज़ील और इंडोनेशिया में 10,000 से ज़्यादा देखने को मिले थे. यहीं नहीं करीब 13 अन्य देश जैसे कि नेपाल, बांग्लादेश, नाइजीरिया, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, म्यांमार, इथियोपिया, मेडागास्कर, मोजाम्बिक, फिलीपींस, सोमालिया, दक्षिण सूडान, श्रीलंका और तंजानिया संयुक्त गणराज्य में 1000 हजार से लेकर 10,000 नए मामले सामने आए थे.
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