Wednesday, November 20, 2024
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भाग्यांक 3 वाले लोग ज्ञान में रखते हैं महारथ, देवगुरु बृहस्पति हैं इनके स्वामी, जानें 6 खास बातें और उपाय

लोग अक्सर मूलांक और भाग्यांक को एक ही समझ लेते हैं असल में दोनों बिल्कुल अलग-अलग होते हैं, दोनों का ही इंसान के जीवन में बहुत महत्व है, मूलांक और भाग्यांक अगर एक दूसरे के लिए फ्रेंडली हों तो इंसान जीवन में बहुत तरक्की करता है. यदि मूलांक और भाग्यांक दोनों एक दूसरे के शत्रु अंक हों तो इंसान अपने जीवन में बहुत संघर्ष करता है. छोटी-छोटी चीजें उसको संघर्ष करवा देती हैं, जीवन के हर हिस्से में उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आज हम आपको भाग्यांक 3 के जातकों के बारे में बताएंगे. अंक 3 का स्वामी ग्रह देवगुरु बृहस्पति को माना जाता है.

कैसे निकालें भाग्यांक और मूलांक?
अंक ज्योतिष द्वारा अंकों के माध्यम से व्यक्ति का व्यक्तित्व एवं उसके भविष्य को जाना जा सकता है. उदाहरण से समझिए यदि किसी व्यक्ति का जन्म 10 अगस्त 2002 को हुआ है तो उसकी जन्म तारीख के अंकों का योग 1+0=1 आता है, यानि 1 उस व्यक्ति का मूलांक (personality number) कहा जाएगा, अगर किसी की जन्मतिथि दो अंकों यानी 29 है तो उसका मूलांक 2+49= 11, 1+1= 2 होगा. वहीं जन्म तिथि, जन्म माह और जन्म वर्ष का कुल योग भाग्यांक कहलाता है. जैसे अगर किसी का जन्म 10-08-2002 को हुआ है तो इन सभी अंकों के योग को भाग्यांक कहा जाता है. 1+0+0+8+2+0+0+2=13=4 यानी उसका भाग्यांक 4 है.

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भाग्यांक 3 के जातकों में होती हैं 6 विशेषताएं
1- 2 व्यक्तियों के बीच बहुत ही अव्वल दर्जे की मध्यस्थता करते हैं.
2- धार्मिक क्षेत्र में बहुत ही आगे जाते हैं और एक अच्छे धर्मगुरु अथवा शिक्षक बन सकते हैं.
3- इनके मन या चेहरे पर कभी भी चिंता का भाव नहीं होता.
4- अपने ज्ञान में महारथ होने से ये कभी मात नहीं खाते.
5- हमेशा ही तार्किक बहस करने के लिए तत्पर रहते हैं.
6- यह बहुत अच्छे मित्र होते हैं और हमेशा सच्चे दोस्त का फर्ज निभाते हैं.

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भाग्यांक 3 के जातकों को ये करना चाहिए
1- गुरुवार के दिन गाय को चने की दाल खिलाएं.
2- सामाजिक एवं धार्मिक आयोजनों में प्रतिभाग करना चाहिए.
3- नाभि और मस्तक पर केशर लगावें.
4- नित्य मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या किसी भी धर्मस्थान में जाएं.
5- गुरुवार के दिन ब्राह्मणों को दही एवं चावल खिलाएं.
6- पीले सूरजमुखी का पौधा घर में लगाकर उसकी सेवा करें.

Tags: Astrology, Dharma Aastha


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