Hanuman Ji Ki Pooja Kaise Kare? – हिंदू धर्म में हफ्ते के सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होते हैं. चाहे ज्योतिष हो या फिर धर्म, हनुमानजी की पूजा का विशेष महत्व होता है. मंगलवार और शनिवार के दिन बजरंग बली के भक्त पूरे मन और श्रद्धा से उनकी पूजा करते हैं. कहते हैं जो संकट कोई न टाले, वो भी संकटमोचन हनुमान जी टाल देते हैं. तभी तो कहते हैं, ‘भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे…’ ऐसी धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति मंगलवार के दिन विधिपूर्वक भगवान हनुमान जी की पूजा-अर्चना करता है, उन्हें चोला चढ़ाता है, उसे बजरंगबली का आशीर्वाद प्राप्त होता है. लेकिन आखिर हनुमान जी की पूजा कब करनी चाहिए, सुबह के समय या शाम के समय? आइए जानते हैं प्रसिद्ध ज्योतिष व वास्तु एक्सपर्ट, डॉ. गौरव दीक्षित से इसके बारे में.
ज्योतिष व वास्तु एक्सपर्ट, डॉ. गौरव दीक्षित बताते हैं, ‘इस संसार में हनुमान जी को भगवान श्री राम का सबसे परम सेवक और सबसे अनन्य भक्त माना गया है. हनुमान जी ने स्वयं को भगवान श्री राम की सेवा के लिए स्वयं को समर्पित कर दिया था. मान्यता है भगवान श्री राम से पहले आपको हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए. भगवान श्री राम की प्राप्ति बिना हनुमान जी के संभव नहीं है. कलियुग में जहां कहीं भी श्री राम का नाम लिया जाता है अथवा अखंड रामायण का पाठ आदि होता है वहां पर हनुमान जी उसे सुनने के लिए स्वयं उपस्थित भी रहते हैं. हनुमान जी को कलयुग का सबसे सिद्ध देवता माना गया है.’
हनुमान जी भगवान श्री राम के अनन्य भक्त हैं.ये है हनुमान जी की पूजा का सही समय
ज्योतिष डॉ. गौरव दीक्षित ने बताया, ‘स्वयं हनुमान जी सुबह से पूरा दिन प्रभू श्री राम की सेवा में व्यतीत करते हैं इसलिए हनुमान जी की पूजा करने का विधान सायं काल का है. यानी हनुमान जी की पूजा हमेशा शाम के वक्त में ही की जानी चाहिए क्योंकि हनुमान जी सुबह भगवान श्री राम की पूजा में स्वयं व्यस्त रहते हैं.’ मान्यता है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से साधक के कष्ट दूर होते हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है. साथ ही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन ‘ऊॅं श्री हनुमंते नम:’ मंत्र का जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
ऐसे करें हनुमान जी की पूजा
हनुमान जी की पूजा का धूप, दीपक, लाल रंग के फूल, फल, सिंदूर आदि उन्हें अर्पित कर करें. इसके बाद हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें. हनुमान जी की पूजा में सुंदर काण्ड का पाठ विशेष महत्वपूर्ण माना जाता है इसलिए हनुमान जी की पूजा में सुंदर काण्ड का पाठ अवश्य करना चाहिए. पूजा का समापन आरती के साथ करें और हनुमान जी से सुख, समृद्धि, बल, बुद्धि, विद्या और शक्ति दान देने की प्रार्थना करें.
ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी 7 चिरंजीवियों में से एक हैं, जो आज भी राम कथा सुनने आते हैं.
श्री हनुमान जी की आरती
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे।
रोग दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई।
सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारि सिया सुधि लाए॥
लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई॥
लंका जारि असुर संहारे।
सियारामजी के काज सवारे॥
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।
आनि संजीवन प्राण उबारे॥
पैठि पाताल तोरि जम-कारे।
अहिरावण की भुजा उखारे॥
बाएं भुजा असुरदल मारे।
दाहिने भुजा संतजन तारे॥
सुर नर मुनि आरती उतारें।
जय जय जय हनुमान उचारें॥
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई॥
जो हनुमानजी की आरती गावे।
बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥
इस प्रकार मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा अर्चना करनी चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : September 9, 2024, 22:50 IST