Sunday, November 17, 2024
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Telegram ऐप पर लटक रही बैन की तलवार! आईटी मिनिस्ट्री ने गृह मंत्रालय से मांगी स्टेटस रिपोर्ट

Telegram: इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर बैन की तलवार लटक रही है. इसका कारण यह है कि इंस्टैंट मैसेजिंग सर्विस प्रोवाइड कराने वाली कंपनी टेलीग्राम चीफ पावेल दुराव की पेरिस में हुई गिरफ्तारी के बाद आईटी मिनिस्ट्री ने गृह मंत्रालय से इसकी स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. आईटी मिनिस्ट्री ने सोमवार को गृह मंत्रालय से ईमेल के जरिए पूछा है कि क्या टेलीग्राम ने भारत में भी कोई नियमों का उल्लंघन किया है. हालांकि, फिलहाल गृह मंत्रालय ने इस मेल का कोई जवाब नहीं दिया है. इस बीच, टेलीग्राम ऐप के बैन की आशंका को लेकर इसके यूजर्स में हड़कंप मच गया है और सोशल मीडिया पर चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है.

ब्लैक मनी को सफेद बनाने और ड्रग तस्करी में ऐप का इस्तेमाल

खबर है कि टेलीग्राम के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पावेल दुरोव को पेरिस हवाई अड्डे पर एक गिरफ्तारी वॉरंट की तामील करते हुए हिरासत में लिया गया. उन पर आरोप है कि उनके प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल ब्लैक मनी को सफेद करने और ड्रग तस्करी जैसे अपराधों के लिए किया गया था. मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, फ्रांस और रूस की दोहरी नागरिकता रखने वाले 39 वर्षीय पावेल दुरोव को शनिवार को अजरबैजान से फ्रांस में उतरने के बाद पेरिस-ले बॉर्गेट हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया.

टेलीग्राम की पेंडिंग शिकायतों की जांच चाहता है आईटी मंत्रालय

सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबर के अनुसार, फ्रांस के घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए आईटी मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से टेलीग्राम के खिलाफ लंबित शिकायतों की जांच करने और संभावित कार्रवाई के बारे में गौर करने को कहा है. सूत्रों के अनुसार, आईटी मंत्रालय इस तरह के मामलों में जांच एजेंसी नहीं है और मंत्रालय के तहत गठित सीईआरटी-इन भी साइबर अपराधों पर नहीं, बल्कि साइबर सुरक्षा अपराधों पर ध्यान केंद्रित करता है.

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भारत में टेलीग्राम की स्थिति क्या है?

सूत्रों ने कहा कि यहां असली सवाल यह है कि क्या कोई शिकायत है? क्या भारत में भी ऐसी ही स्थिति है और स्थिति क्या है? क्या कार्रवाई की जरूरत है? यह पूछे जाने पर कि एक मैसेजिंग ऐप होने के नाते क्या टेलीग्राम सुरक्षित पनाहगाह प्रावधान का हवाला दे सकता है. सूत्रों ने कहा कि उस स्थिति में उन्हें कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करना होगा, जरूरी होने पर जानकारी देनी होगी और किसी भी जांच में मदद करनी होगी.

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