India Singapore Ministerial Meeting Today:विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, और रेलवे,इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव सोमवार 26 अगस्त को एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेंगे. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना है.
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दूसरा भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (आईएसएमआर) सिंगापुर में आयोजित हो रहा है. रविवार 25 अगस्त को जारी एक ऑफिशियल बयान में कहा गया कि इस बैठक में भारत और सिंगापुर अपनी रणनीतिक साझेदारी के अलग-अलग पहलुओं की समीक्षा करेंगे. इसे और अधिक विकसित करने के लिए नए मार्ग तलाशेंगे. भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक नया एजेंडा निर्धारित करने के उद्देश्य से आईएसएमआर की स्थापित की गई थी. साल 2022 के सितंबर में आईएसएमआर की पहली बैठक नई दिल्ली में हुई थी.
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अपनी यात्रा के दौरान भारतीय मंत्री सिंगापुर के अपने समकक्ष मंत्रियों के साथ बातचीत करेंगे. रविवार 25 अगस्त को पीयूष गोयल ने सिंगापुर में टेमासेक होल्डिंग्स, ओमर्स, डीबीएस बैंक, केपेल इंफ्रास्ट्रक्चर और ओनर्स फोरम सहित प्रमुख वैश्विक व्यापारिक हस्तियों से मुलाकात की. ताकि द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर चर्चा की जा सके.
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पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा, “500 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की प्रबंधनाधीन संपत्ति रखने वाली प्रमुख वैश्विक निवेश फर्मों के नेताओं के साथ बातचीत और चर्चा के साथ आज सिंगापुर में एक बहुत ही उपयोगी दिन संपन्न हुआ. भारत को एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित किया और इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों को हमारी विकास यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया.”
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सिंगापुर भारत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का एक प्रमुख स्रोत बना हुआ है. वित्त वर्ष 2024 में, सिंगापुर से भारत को लगभग $11.77 बिलियन का FDI प्राप्त हुआ, जो इसे सबसे बड़ा स्रोत बनाता है. अप्रैल 2000 से मार्च 2024 के बीच, सिंगापुर से FDI का संचयी प्रवाह लगभग $159.94 बिलियन रहा है. वित्त वर्ष 2024 में, सिंगापुर भारत का छठा सबसे बड़ा वैश्विक व्यापार साझेदार था, जिसके साथ कुल व्यापार $35.61 बिलियन का था. यह आसियान के साथ भारत के कुल व्यापार का लगभग 29 प्रतिशत है.
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