Tuesday, October 22, 2024
HomeReligionHal Chhath 2024: मिलेगा संतान सुख..! भौतिक सुखों की भी होगी प्राप्ति,...

Hal Chhath 2024: मिलेगा संतान सुख..! भौतिक सुखों की भी होगी प्राप्ति, हर छठ का रखें व्रत, जानें मुहूर्त-पूजा विधि

Lalahi Chhath Kab Hai 2024: भाद्रपद मास प्रारंभ होते ही सनातन धर्म में व्रत एवं त्योहारों का सिलसिला शुरू हो जाता है. इन्हीं पर्वों में से हर छठ भी एक है. यह पर्व जन्माष्टमी से दो दिन पहले मनाया जाता है. यानी सप्तमी युक्त हलषष्टी का योग बनता है तब हर छठ पर्व मनाया जाता है. इसको हल छठ, ललही छठ बलदेव छठ, रंधन छठ, चंदन छठ, तिनछठी, तिन्नी छठ आदि नामों से भी जाना जाता है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम जी का जन्म हुआ था.

इस बार हर छठ पूजा व्रत दिनांक 25 अगस्त 2024 दिन रविवार को मनाया जाएगा. इस दिन व्रत पूजन का विशेष महत्व होता है. माना जाता है कि इस दिन जो महिलाएं सच्चे मन से व्रत-पूजन करती हैं उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है. साथ ही अन्य भौतिक सुखों की भी प्राप्ति संभव होती है. अब सवाल है कि आखिर व्रत-पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है? क्या है पूजन विधि? इस बारे में News18 को बता रहे हैं उन्नाव के ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषिकांत मिश्र शास्त्री-

हर छठ पूजा का शुभ समय

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि 24 अगस्त को दोपहर में 12 बजकर 43 मिनट से आरंभ हो रही है, जो 25 अगस्त को सुबह 11 बजकर 49 मिनट पर समाप्‍त होगी. इसकी पूजा दोपहर की समय की जाती है. इसलिए हलषष्ठी व्रत 25 अगस्त 2024 दिन रविवार को रखा जा रहा है.

हल छठ की पूजा विधि

हल छठ का यह व्रत आमतौर पर पुत्रवती स्त्रियां ही करती हैं. इस दिन वे पूरे विधि-विधान से पूजा पाठ करती हैं. हल षष्ठी की पर महिलाएं पुत्र की संख्या के हिसाब से 6 मिट्टी के बर्तनों में 6,7 भुने हुए अनाज या मेवा रखती हैं. हल षष्ठी पर महिलाएं गड्ढा बनाती हैं और उसे गोबर से लिपाई कर तालाब का रूप देती हैं. इसके बाद झरबेरी और पलाश की एक-एक शाखा बांधी जाती है और हर छठ को गाड़ा जाता है. पूजा के समय भुना हुआ चना, जौ की बालियां भी चढ़ाई जाती हैं. कहा जाता है कि व्रत के दौरान हल जोत कर उगाए अन्न का सेवन नहीं किया जाता. इस तरह पूजा पाठ कर रात्रि में चांद देख कर व्रत खोला जाता है. हालांकि, इस त्योहार को कई जगह भिन्न तरह भी मनाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें:  श्रीकृष्ण को राधा से था अगाध प्रेम तो क्यों नहीं की शादी? रुक्मणी से क्यों किया विवाह, पढ़ें अधूरे प्रेम की कहानी

ये भी पढ़ें:  राधा भगवान श्रीकृष्ण की प्रेमिका थीं या पत्नी? दोनों की उम्र में कितना था गैप, जन्माष्मी पर पढ़ें कृष्ण प्रेम कहानी

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular