Sunday, October 20, 2024
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कब है भाद्रपद शिवरात्रि? बन रहे दो शुभ योग, जानें पूजा मुहूर्त और जलाभिषेक समय

भाद्रपद शिवरात्रि इस माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी ति​थि को मनाई जाएगी. यह सितंबर की मासिक शिवरात्रि होगी. भाद्रपद शिवरात्रि के दिन आप व्रत रखकर भगवान ​भोलेनाथ की पूजा करते हैं तो आपके कष्ट दूर होंगे और मनोकामनाएं पूरी होंगी. शिवरात्रि का व्रत निशिता मुहूर्त के समय को ध्यान में रखकर तय ​किया जाता है. इस मुहूर्त का चतुर्दशी ​तिथि में होना जरूरी है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि भाद्रपद की मासिक शिवरात्रि कब है? शिव पूजा का मुहूर्त और जलाभिषेक समय क्या है?

भाद्रपद की मासिक शिवरात्रि 2024
वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी ति​थि 1 सितंबर दिन रविवार को तड़के 3 बजकर 40 मिनट से प्रारंभ होगी. यह तिथि 2 सितंबर सोमवार को सुबह 5 बजकर 21 मिनट तक मान्य होगी. ऐसे में भाद्रपद की मासिक शिवरात्रि का व्रत 1 सितंबर को रखा जाएगा. उस दिन ही मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी.

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2 शुभ योग में है भाद्रपद की मासिक शिवरात्रि
भाद्रपद की मासिक शिवरात्रि के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं. पहला शुभ योग यानि परिघ योग प्रात:काल से लेकर शाम को 5 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. उसके बाद से शिव योग का प्रारंभ होगा. उस दिन अश्लेषा नक्षत्र प्रात:काल से लेकर रात 9 बजकर 49 मिनट तक है, उसके बाद से मघा नक्षत्र है.

मासिक शिवरात्रि 2024 मुहूर्त
1 सितंबर को मासिक शिवरात्रि की पूजा का निशिता मुहूर्त 11 बजकर 58 मिनट से देर रात 12 बजकर 44 मिनट तक है. उस दिन रात में शिव पूजा के लिए 45 मिनट तक का शुभ समय है. वैसे आप दिन में कभी पूजा पूजा कर सकते हैं.

मासिक शिवरात्रि 2024 जलाभिषेक समय
भाद्रपद शिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रात: 04:29 बजे से 05:14 बजे तक है. वहीं अभिजीत मुहूर्त दिन में 11:55 बजे से दोपहर 12:46 बजे तक है. मासिक शिवरात्रि को आप ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि के बाद जलाभिषेक कर सकते हैं. उसके बाद से पूरे दिन जलाभिषेक किया जा सकता है क्यों​कि शिव पूजा में राहुकाल या भद्रा के कारण कोई रोक नहीं होता है. 1 सिंतबर को राहुकाल शाम में 05:07 बजे से लेकर 06:42 बजे तक है.

जलाभिषेक का अर्थ होता है जल से भगवान शिव का स्नान कराना. शिवरात्रि, सोमवार, प्रदोष व्रत के दिन आप शिव जी का जलाभिषेक कर सकते हैं.

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मासिक शिवरात्रि 2024 भद्राकाल
मासिक शिवरात्रि के दिन भद्रा है. उस दिन भद्रा सुबह में 5 बजकर 59 मिनट से शाम 4 बजकर 28 मिनट तक है. भद्रा का वास स्थान धरती है.

मासिक शिवरात्रि का महत्व
हर मा​ह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि होती है. इस दिन शिव पूजा करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है. इस समय चातुर्मास चल रहा है और इसमें शिव परिवार की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मासिक शिवरात्रि को शिव पूजा के समय शिवरात्रि की व्रत कथा सुनते हैं. शिव कृपा से व्यक्ति मोक्ष प्राप्त करता है.

Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, Religion


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