Monday, October 21, 2024
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सावन पूर्णिमा 2024: कब है व्रत और स्नान-दान? पहले से कर लें तैयारी, जानें तारीख, मुहूर्त, चंद्रमा अर्घ्य समय

सावन पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को करते हैं. सावन पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं और कथा सुनते हैं. सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन कराने से परिवार में सुख और समृद्धि आती है. सत्यनारायण भगवान के आशीर्वाद से दुख दूर होंगे और पाप भी मिट जाएंगे. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट का कहना है कि इस बार सावन पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान एक ही दिन है. सावन पूर्णिमा पर 3 शुभ योग बन रहे हैं. आइए जानते हैं कि सावन पूर्णिमा कब है? सावन पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान किस दिन है? पूजा का मुहूर्त और चंद्रमा का अर्घ्य समय क्या है?

कब है सावन पूर्णिमा 2024?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त सोमवार को प्रात: 3 बजकर 4 मिनट से शुरू होगी और यह तिथि रात 11 बजकर 55 मिनट तक मान्य होगी. उदयातिथि और चंद्रोदय समय के अनुसार, सावन पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान 19 अगस्त को है. सावन पूर्णिमा के दिन ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा.

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19 अगस्त को सावन पूर्णिमा का व्रत रखकर सत्यनारायण भगवान की पूजा की जाएगी. सुबह में पवित्र नदियों में स्नान होगा और उसके बाद क्षमता के अनुसार दान किया जाएगा.

सावन पूर्णिमा 2024 मुहूर्त
जो लोग सावन पूर्णिमा के दिन व्रत रखेंगे और स्नान करना चाहेंगे, वे उस दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:25 ए एम से 05:09 ए एम सके बीच स्नान कर सकते हैं. इसके अलावा आप 05:53 ए एम से 08:10 ए एम के बीच भी स्नान कर सकते हैं. यह बड़ा ही शुभ समय है. सावन पूर्णिमा के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त भी 05:53 ए एम से 08:10 ए एम तक बहुत अच्छा है.

3 शुभ योग में है सावन पूर्णिमा 2024
इस साल की सावन पूर्णिमा के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं. सावन पूर्णिमा पर शोभन योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बनेंगे. पूर्णिमा पर शोभन योग पूरे दिन रहेगा. वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग 05:53 ए एम से 08:10 ए एम तक है, इस समय में रवि योग भी रहेगा. इन 3 शुभ योग में आप पूजा पाठ आदि कर सकते हैं. सावन पूर्णिमा के दिन श्रवण नक्षत्र सुबह 08:10 ए एम तक है, उसके बाद से धनिष्ठा नक्षत्र है.

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सावन पूर्णिमा 2024 चंद्रमा का अर्घ्य समय
सावन पूर्णिमा का व्रत चंद्र देव के लिए रखा जाता है. यह व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूर्ण होता है. इस साल सावन पूर्णिमा पर चंद्रोदय शाम को 06:56 पी एम पर होगा. अंधेरा होने के बाद आप चंद्रमा को अर्घ्य दे सकते हैं.

Tags: Dharma Aastha, Religion, Sawan Month, Sawan somvar


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