Monday, October 21, 2024
HomeReligionKamika Ekadashi 2024: आज कामिका एकादशी पर बन रहे हैं ध्रुव योग...

Kamika Ekadashi 2024: आज कामिका एकादशी पर बन रहे हैं ध्रुव योग समेत कई मंगलकारी संयोग, जानें पूजा विधि-पारण टाइम और व्रत कथा

Kamika Ekadashi 2024: आज सावन मास का एकादशी व्रत है. सावन माह कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी व्रत रखा जाता है. पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि 31 जुलाई 2024 को है. एकादशी तिथि का दिन श्रीहरि विष्णुजी को समर्पित है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं होता है और व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलता है. यह चातुर्मास महीने की पहली एकादशी होती है. कामिका एकादशी का व्रत रखने से साधक पर विष्णुजी की कृपा बनी रहती है. आइए जानते हैं कामिका एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और व्रत कथा…

श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि

श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 30 जुलाई को शाम 04 बजकर 44 मिनट पर हो चुकी है और आज 31 जुलाई 2024 को दोपहर 03 बजकर 55 मिनट पर इसका समापन होगा. इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 31 जुलाई 2024 को कामिका एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग में कामिका एकादशी मनाई जा रही है.

कामिका एकादशी व्रत का पारण टाइमिंग

कामिका एकादशी व्रत का पारण करने का शुभ समय 1 अगस्त को सुबह 5 बजकर 43 मिनट से सुबह 8 बजकर 24 मिनट तक हैं. इस दिन द्वादशी तिथि का समापन दोपहर 03 बजकर 28 मिनट पर होगा. आप सूर्योंदय से लेकर 8 बजकर 24 मिनट के बीच कर सकते है.

Also Read: Sawan Pradosh Vrat 2024: सावन कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत कब है? जानें सही तारीख, शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और आरती

कामिका एकादशी व्रत पूजा-विधि

  • कामिका एकादशी के दिन स्नानादि के बाद साफ और स्वच्छ कपड़े धारण करें.
  • इसके बाद विष्णुजी का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें.
  • फिर छोटी चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं.
  • चौकी पर विष्णुजी और मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें.
  • अब मां लक्ष्मी और विष्णुजी के समक्ष दीपक जलाएं.
  • विष्णुजी को फल, फूल, धूप, दीप और नेवैद्य अर्पित करें.
  • विष्णुजी की आरती उतारें और उनके मंत्रों का जाप करें.
  • अब कामिका एकादशी की व्रत कथा पढ़ें.
  • अंत में विष्णु जी की आरती उतारें और पूजा समाप्त करें.

कामिका एकादशी की व्रत कथा
कामिका एकादशी का व्रत रखने के दिन एकादशी व्रत कथा जरूर पढ़ना और सुनना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि व्रत कथा के श्रावण के बिना यह व्रत अधूरा माना जाता हैं. आइए कामिका एकादशी की व्रत कथा जानते हैं…

पौराणिक कथा के अनुसार एक गांव में क्रोधी स्वभाव के एक ठाकुर जी रहते थे. एक दिन उनका एक ब्राह्मण से झगड़ा हो गया. इस दौरान ठाकुर जी क्रोध में आकर ब्राह्मण की हत्या कर दी. ठाकुर जी अपने पाप का प्रायश्चित करने के लिए ब्राह्मण का अंतिम संस्कार करने की इच्छा व्यक्त की, लेकिन ब्राह्मणों ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया. ठाकुर पर ब्रह्म हत्या का दोष लग गया. एक दिन ठाकुर ने एक मुनि से ब्रह्म हत्या दोष से मुक्ति का उपाय पूछा. तब मुनि ने इस पाप से मुक्ति पाने के लिए कामिका एकादशी व्रत रखने की सलाह दी. उन्होंने बताया कि विधिपूर्वक इस व्रत को रखने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. ठाकुर ने मुनि के बताए अनुसार कामिका एकादशी व्रत रखा और भगवान विष्ण की विधि-विधान से पूजा की. भगवान श्रीहरि ने स्वप्न में ठाकुर को दर्शन दिए और उसे ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति मिल गई. कामिका एकादशी व्रत को जो भी भक्त श्रद्धानुसार रखता है, उसे ब्रह्म हत्या जैसे दोष से मुक्ति मिल जाती है.

भगवान विष्णु जी की आरती

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥
ॐ जय जगदीश हरे।
जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का।
स्वामी दुःख विनसे मन का।
सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥
ॐ जय जगदीश हरे।
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी।
स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥
ॐ जय जगदीश हरे।

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।
स्वामी तुम अन्तर्यामी।
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ॐ जय जगदीश हरे।
तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता।
स्वामी तुम पालन-कर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥
ॐ जय जगदीश हरे।
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
स्वामी सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति॥
ॐ जय जगदीश हरे।

दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
स्वामी तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठा‌ओ, द्वार पड़ा तेरे॥
ॐ जय जगदीश हरे।
विषय-विकार मिटा‌ओ, पाप हरो देवा।
स्वमी पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ा‌ओ, सन्तन की सेवा॥
ॐ जय जगदीश हरे।
श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे।
स्वामी जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥
ॐ जय जगदीश हरे।


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular