सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति, पूजा और साधना के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. सावन के महीने में आप रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं. वैसे तो सावन का हर दिन शिव जी को प्रिय है, लेकिन सावन सोमवार, शिवरात्रि और प्रदोष व्रत का दिन विशेष होता है. इन दिनों में आप रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं. शिव पुराण में रुद्राक्ष के महत्व का वर्णन किया गया है, जिसमें भगवान शिव माता पार्वती से रुद्राक्ष की महिमा के बारे में बताते हैं. उसमें ही रुद्राक्ष के प्रकार, लाभ और उसको पहनने के मंत्रों के बारे में बताया गया है. शिव पुराण से जानते हैं रुद्राक्ष के 14 प्रकार, लाभ और रुद्राक्ष धारण करने के मंत्रों के बारे में.
रुद्राक्ष के प्रकार
शिव पुराण के अनुसार रुद्राक्ष 14 प्रकार के होते हैं. हर रुद्राक्ष का अपना अलग महत्व होता है. रुद्राक्ष परम पावन होता है, इसके स्पर्श, दर्शन और जाप से ही समस्त पाप मिट जाते हैं.
1. एक मुखी रुद्राक्ष
2. दो मुखी रुद्राक्ष
3. तीन मुखी रुद्राक्ष: यह रुद्राक्ष विद्याओं में निपुण बनाता है और सभी साधन सिद्ध करता है.
4. चार मुखी रुद्राक्ष: इस रुद्राक्ष को बह्मस्वरूप कहा जाता है. इसके दर्शन और पूजन से चारों पुरुषार्थ अर्थ, काम, मोक्ष, धर्म आदि के फल प्राप्त होते हैं.
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5. पांच मुखी रुद्राक्ष: इस पंचमुखी या कालाग्नि रुद्राक्ष कहते हैं. यह सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करके मोक्ष प्रदान करता है.
6. छह मुखी रुद्राक्ष: इसे कार्तिकेय का स्वरूप मानते हैं. दाएं बांह में पहनने से ब्रह्म हत्या का पाप मिटता है.
7. सात मुखी रुद्राक्ष: सप्तमुखी रुद्राक्ष को पहनने से धन की प्राप्ति होती है.
8. आठ मुखी रुद्राक्ष: इसे भैरव का स्वरूप माना जाता है. इसको पहनने से व्यक्ति दीर्घायु होता है और मृत्यु के बाद मोक्ष पाता है.
9. नौ मुखी रुद्राक्ष: इसे भैरव और कपिल मुनि का स्वरूप मानते हैं. भगवती दुर्गी इसकी अधिष्ठात्री देवी हैं. इसे बाएं हाथ में धारण करने से सभी वैभव प्राप्त होते हैं.
10. दस मुखी रुद्राक्ष: इसे साक्षत् भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है. इससे पहनने से सभी मनोरथ पूरे होते हैं.
11. ग्यारह मुखी रुद्राक्ष: इसे रुद्ररूप माना गया है. इसको पहनने से व्यक्ति को हर कार्य में विजय प्राप्त होती है.
12. बारह मुखी रुद्राक्ष: इसे बालों में पहनने से मस्तक पर 11 सूर्य के समान तेज प्राप्त होता है.
13. तेरह मुखी रुद्राक्ष: यह विश्वेदेवों का स्वरूप है. इसको पहनने से सौभाग्य और मंगल की प्राप्ति होती है.
14. चौदह मुखी रुद्राक्ष: इसे साक्षत् शिव का स्वरूप माना जाता है. मस्तक पर धारण करने से सभी पाप मिटते हैं.
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रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र
शिव पुराण में सभी 14 रुद्राक्षों को धारण करने के लिए मंत्र बताए गए हैं. रुद्राक्ष धारण करते समय इन मंत्रों का जाप जरूर करें.
1. एक मुखी रुद्राक्ष पहनने का मंत्र: ओम हृीं नम:
2. दो मुखी रुद्राक्ष पहनने का मंत्र: ओम नम:
3. तीन मुखी रुद्राक्ष पहनने का मंत्र: क्लीं नम:
4. चार मुखी रुद्राक्ष पहनने का मंत्र: ओम हृीं नम:
5. पांच मुखी रुद्राक्ष पहनने का मंत्र: ओम हृीं नम:
6. छह मुखी रुद्राक्ष पहनने का मंत्र: ओम हृीं हुं नम:
7. सात मुखी रुद्राक्ष पहनने का मंत्र: ओम हुं नम:
8. आठ मुखी रुद्राक्ष पहनने का मंत्र: ओम हुं नम:
9. नौ मुखी रुद्राक्ष पहनने का मंत्र: ओम हुं नम:
10. दस मुखी रुद्राक्ष पहनने का मंत्र: ओम हृ हुं नम:
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11. ग्यारह मुखी रुद्राक्ष पहनने का मंत्र: ओम हृीं हुं नम:
12. बारह मुखी रुद्राक्ष पहनने का मंत्र: ओम हुं नम:
13. तेरह मुखी रुद्राक्ष पहनने का मंत्र: ओम क्रौं क्षौरो नम:
14. चौदह मुखी रुद्राक्ष पहनने का मंत्र: ओम हृीं नम:
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FIRST PUBLISHED : July 27, 2024, 12:19 IST