World IVF Day: हर साल 25 जुलाई को वर्ल्ड आईवीएफ डे मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को आईवीएफ के प्रति जागरूक करना है. जो लोग नेचुरल तरीके से माता-पिता नहीं बन जाते हैं वे लोग IVF के जरिए अपना सपना पूरा कर रहे हैं. आईवीएफ को इन विट्रो फर्टिलाइजेशन कहा जाता है जिसमें तकनीकी रूप से बच्चे को जन्म दिया जाता है. चलिए जानते हैं आखिर आईवीएफ है क्या? किस उम्र आईवीएफ के जरिए मां बन सकते हैं?
IVF क्या है?
लोगों को मन में सबसे पहले सवाल यही आता है कि यह आईवीएफ क्या है तो आपको बता दें IVF यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन जिसे आम भाषा में टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है. इस तकनीक में महिला की अंडेदानी से अंडे निकाला जाता है फिर उनका पुरुष के स्पर्म के साथ फैलोपियन ट्यूब में फर्टिलाइजेशन कराया जाता है. इसके बाद फर्टिलाइजेशन से बनने वाले भ्रूण यानी एम्ब्रायो को महिला के गर्भाशय में डाला जाता है. जो महिलाएं नेचुरल तरीके से मां नहीं बन सकती उनहे कि लिए आईवीएफ के जरिए मां बनना वरदान साबित हुआ है.
किस उम्र आईवीएफ के जरिए मां बन सकती हैं?
अगर आप सोच रहे हैं कि आईवीएफ के जरिए मां बनने की उम्र किया है तो आपको बता दें भारत में एआरटी अधिनियम 2021 के अनुसार महिलाएं 50 साल की उम्र तक आईवीएफ ट्रीटमेंट के ज़रिए मां बन सकती हैं और पुरुष 55 साल की उम्र तक आईवीएफ के जरिए पिता बन सकते हैं.
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IVF में महिलाओं को कौन सी दिक्कत होती हैं?
एक्सपर्ट की माने तो IVF थोड़ी जटिल प्रक्रिया जरूर होती है. इस प्रोसेस में एक महिला को बच्चे को जन्म देने कई सारी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है. आईवीएफ में एक से अधिक बच्चे होने की संभावना, प्रीमैच्योर डिलीवरी, ओवरिअन हाइपरस्टिम्यूलेशन सिंड्रोम,गर्भपात, संक्रमण का खतरा, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी आदि होने की संभावना बढ़ी रहती है.