Ashadha Purnima 2024 Yog: इस बार आषाढ़ी पूर्णिमा रविवार यानी 21 जुलाई को मनाई जाएगी. इसे हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाने का विधान है. इसको आषाढ़ी पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा या व्यास पूजा के नाम से भी जाना जाता है. आषाढ़ी पूर्णिमा से ठीक एक दिन पहले यानी 20 जुलाई दिन शनिवार से अद्भुत नक्षत्र लग रहा है. इस नक्षत्र को मेघदूत का अलर्ट भी कहा जा सकता है. क्योंकि, इस नक्षत्र में भारी वर्षा का योग बन रहा है, जोकि 15 दिन तक चलेगा.
उन्नाव के ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषिकांत मिश्र के मुताबिक, सनातन धर्म में गुरु को ईश्वर से भी बड़ा दर्जा दिया गया है. इसलिए कहा भी जाता है कि “गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय, बलिहारी गुरु अपने गोविन्द दियो बताय”. ऐसे में इस दिन लोग व्रत रख स्नान के बाद दान और भगवान सत्यनारायण की पूजा सुनते हैं. ऐसे में शिष्यजन अपने गुरुओं की पूजा और वस्त्रादि या मिष्ठान का दान कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. आइए जानते हैं इस आषाढ़ी पर बनने वाले नक्षत्र, तारीख और समय के बारे में-
किस दिन है आषाढ़ पूर्णिमा 2024?
विश्व पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई शनिवार को शाम 05:59 बजे से प्रारंभ होगी. इस तिथि का समापन 21 जुलाई रविवार को दोपहर 3:46 बजे होगा. उदयातिथि के आधार पर आषाढ़ पूर्णिमा 21 जुलाई को है.
कब है आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत?
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, इस साल आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत 20 जुलाई को रखा जाएगा क्योंकि पूर्णिमा का चंद्रदोय उस शाम ही होगी. 21 जुलाई को चंद्रोदय सावन के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि में हो रहा है.
आषाढ़ पूर्णिमा 2024 पर नक्षत्र?
विश्व पंचांग के अनुसार, के अनुसार 21 जुलाई को आषाढ़ी पूर्णिमा मनाई जाएगी. इसके ठीक एक दिन पहले यानी शनिवार को दिन के 10:35 बजे से पुख्य नक्षत्र का शुभारंभ हो रहा है. पंडित ऋषिकांत के मुताबिक, इस नक्षत्र में सामान्य से अधिक वर्षा का योग बन रहा है. यह वर्षा वाला नक्षत्र 20 जुलाई से 15 दिन तक चलेगा.
आषाढ़ पूर्णिमा 2024 चंद्रोदय?
20 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा का चंद्रोदय शाम 6:47 बजे होगा. जो लोग व्रत रखेंगे, वे चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा करें और अर्घ्य दें. ऐसा करने से कुंडली का चंद्र दोष दूर होता है. चंद्रमा को कच्चे दूध, सफेद फूल और अक्षत् से अर्घ्य देना चाहिए.
आषाढ़ पूर्णिमा 2024 स्नान और दान
इस साल आषाढ़ पूर्णिमा का स्नान और दान 21 जुलाई रविवार को होगा. उस दिन आप ब्रह्म मुहूर्त से स्नान और दान का कार्य कर सकते हैं. उस दिन आप स्नान और दान सुबह 05:37 से करें तो ज्यादा अच्छा रहेगा.
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सर्वार्थ सिद्धि योग में है आषाढ़ पूर्णिमा
इस बार की आषाढ़ पूर्णिमा सर्वार्थ सिद्धि योग में है. आषाढ़ पूर्णिमा वाले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5:37 बजे से अगले दिन 22 जुलाई को 12:14 बजे तक है. उस दिन उत्तराषाढ़ नद्वात्र सुबह से लेकर देर रात 12:14 मिनट तक है. प्रीति योग का प्रारंभ 09:11 बजे से होगा.
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FIRST PUBLISHED : July 20, 2024, 08:49 IST