Saturday, November 23, 2024
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Rice Price: सस्ता होगा चावल या बढ़ेगा दाम, 7 फीसदी बढ़ा धान रकबा तो कितना होगा उत्पादन?

Rice Price: देश की बढ़ती महंगाई (Inflation) के बीच चावल की कीमतें (Rice Price) भी बेतहाशा भाग रही हैं. मानसून में धान की बुवाई (Paddy Crop) चालू है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 19 जुलाई 2024 तक धान की बुवाई का रकबा बढ़कर 166.06 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है. साल 2023 में 19 जुलाई तक 55.65 लाख हेक्टेयर रकबे में धान की बुवाई की गई थी. पिछले साल के मुकाबले अब तक धान की बुवाई के रकबे में करीब सात फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

अनुमान यह लगाया जा रहा है कि खरीफ फसल वर्ष 2024-25 के दौरान भारत में चावल का उत्पादन (Rice Production) 1355 लाख मीट्रिक टन से 1380 लाख मीट्रिक टन के बीच रह सकता है. इससे पहले 2023-24 के खरीफ फसल वर्ष के दौरान चावल का उत्पादन 1114.58 लाख मीट्रिक रहने का अनुमान लगाया गया था. पिछले साल के मुकाबले इस साल चावल के उत्पादन में 265.42 लाख मीट्रिक टन अधिक रहने का अनुमान है. इस साल चावल का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले बढ़ता है, तो बाजार में इसके दाम में गिरावट आने की उम्मीद है और अगर धान की रोपाई के बाद मानसून ने धोखा दिया है और उत्पादन अनुमान के मुताबिक नहीं हुआ, तो दाम बढ़ने के भी आसार हैं.

7 फीसदी बढ़ा धान का रकबा

कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) की ओर से जारी किए गए एक आंकड़े के अनुसार, मानसून (Monsoon) की बेहतर बारिश की वजह से चालू खरीफ मौसम (ग्रीष्मकालीन बुआई) में 19 जुलाई तक धान का रकबा 7 फीसदी बढ़कर 166.06 लाख हेक्टेयर हो गया. पिछले साल 19 जुलाई तक धान की बुवाई 155.65 लाख हेक्टेयर में हुई थी. कुल मिलाकर सभी खरीफ फसलों (Kharif Crop) के लिए कुल रकबा चालू खरीफ बुवाई मौसम में 19 जुलाई तक बढ़कर 704.04 लाख हेक्टेयर हो गया है. पिछले साल इसी अवधि में यह 680.36 लाख हेक्टेयर था. भारत घरेलू मांग को पूरा करने के लिए खाद्य तेलों और दालों का आयात करता है. यदि कटाई तक मौसम की स्थिति अनुकूल बनी रही तो दलहन और तिलहन फसलों का अधिक रकबा होने से बम्पर उत्पादन हो सकता है.

2023-24 में Rice के उत्पादन का अनुमान

कृषि मंत्रालय की ओर से जारी किए गए एक आंकड़े के अनुसार, वर्ष 2023-24 में खरीफ चावल का उत्पादन (Kharif Rice Production) 1114.58 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान लगाया था, जो 2022-23 के 1105.12 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले 9.46 लाख मीट्रिक टन अधिक है. रबी चावल का उत्पादन 123.57 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है.

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2024-25 में Rice के उत्पादन का अनुमान

एसएंडपी ग्लोबल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का चावल उत्पादन (Rice Production in India) 2024-25 के फसल वर्ष (जुलाई-जून) में 1355 लाख मीट्रिक टन से 1380 लाख मीट्रिक टन के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने का अनुमान है. इसका कारण यह है कि अगस्त से सितंबर तक ला नीना का प्रभाव धीरे-धीरे बढ़ने की संभावना है. दुनिया के टॉप निर्यातक की ओर से 2024-25 की मजबूत फसल का वैश्विक चावल बाजार पर व्यापक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जिसमें कीमतों में कटौती और प्रतिबंधात्मक व्यापार नीतियों को उलटना शामिल है. एसएंडपी ग्लोबल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत में 2024-25 में 1355 लाख मीट्रिक टन चावल का उत्पादन होता है, तो यह 2022-23 की रिकॉर्ड उत्पादन के बराबर होगा. अगर ऐसा होता है, तो भारत में चावल की खुदरा कीमतों में कमी आने की उम्मीद है.

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