Tuesday, October 22, 2024
HomeReligionSawan Sankashti Chaturthi 2024: कब है गणेश संकष्टी चतुर्थी? जानें शुभ मुहूर्त-पूजा...

Sawan Sankashti Chaturthi 2024: कब है गणेश संकष्टी चतुर्थी? जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और इस दिन का महत्व

Sawan Sankashti Chaturthi 2024: सावन का महीना शुरू होने वाला है. सावन भगवान शिव और माता पार्वती जी को समर्पित है. वहीं चतुर्थी तिथि पार्वती पुत्र भगवान गणेश जी को समर्पित है. भगवान गणेश जी की पूजा करने के लिए चतुर्थी तिथि का व्रत सबसे उत्तम माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति इस व्रत का पालन करता है, उन्हें सुख-समृद्धि और बुद्धि की प्राप्ति होती है. इस साल सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 जुलाई को है. इस दिन गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन गणेश जी की पूजा विधि विधान से करनी चाहिए. आइए जानते है गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त और विधि…

कब है गजानन संकष्टी चतुर्थी 2024?

सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 जुलाई को सुबह 07 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी और चतुर्थी तिथि का समापन अगले दिन 25 जुलाई को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर होगा. सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है, इसलिए 24 जुलाई को गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा.

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि

  • संकष्टी चतुर्थी के दिन स्नान कर सूर्य को अर्घ्य दें.
  • फिर एक चौकी पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें
  • इसके बाद विधि अनुसार उनका जल से अभिषेक करें.
  • फिर उन्हें पीले फूलों की माला अर्पित करें और कुमकुम का तिलक लगाएं.
  • घर पर बनी कोई मिठाई, मोदक आदि चीजों का भोग लगाएं.
  • भगवान गणेश को दुर्वा घास जरूर अर्पित करना चाहिए.
  • फिर बप्पा के वैदिक मंत्रों का जाप और गणपति चालीसा का पाठ करें.
  • पूजा के अंत में आरती जरूर करें और पूजा में हुई गलती की क्षमा मांगे.
  • शाम के समय भी पूजा करें. फिर चंद्रमा के दर्शन कर के अर्घ्य दें.
  • गणेश जी की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल गलती से भी न करें और तामसिक चीजों से दूर रहें.

Also Read: Saptahik Rashifal 14 to 20 July 2024: इस सप्ताह इन 5 राशि वालों का शुरू होंगे अच्छे दिन, पढ़ें मेष से मीन तक का वीकली राशिफल

संकष्टी चतुर्थी का महत्व

संकष्टी चतुर्थी का मतलब होता है संकट हरने वाली चतुर्थी. संकष्टी संस्कृत भाषा से लिया गया शब्द है, जिसका अर्थ है कठिन समय से मुक्ति पाना. दुखों से छुटकारा पाने के लिए इस दिन गणपति जी की अराधना की जाती है. गणेश पुराण के अनुसार चतुर्थी तिथि के दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा करना फलदायी होता है. इस दिन उपवास करने का और भी अधिक महत्व होता है. भगवान गणेश को समर्पित यह व्रत कठिनाइयों और बुरे समय से मुक्ति दिलाता है. कई जगहों पर इस चतुर्थी तिथि को संकट हारा कहते हैं तो कहीं इसे संकट चौथ के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular