Saturday, November 23, 2024
HomeReligionRahu Ketu Dosh ke Upay: राहु-केतु और मंगल दोष के साथ शनि...

Rahu Ketu Dosh ke Upay: राहु-केतु और मंगल दोष के साथ शनि के प्रकोप से भी मिलेगी मुक्ति, सिर्फ घर के बाहर लगा दें ये पौधा

Rahu Ketu Dosh ke Upay: कुंडली में राहु-केतु अशुभ स्थिति में हों तो जीवन में कई परेशानियां आने लगती हैं. जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु की बुरी स्थिति होने पर अचानक होने वाली घटनाएं बढ़ जाती है. इसके अलावा दुर्घटनाएं, होनी-अनहोनी, भय और कुविचार मन में जगह बना लेता हैं. वहीं शनि दोष के कारण वाद-विवाद, कोर्ट कचहरी में केस, शराब, जुआ और अन्य बुरी आदतें बनती हैं. मंगल दोष शारीरिक क्षमताओं में कमी, क्षीण आयु, रोग द्वेष और कलह-क्लेश को जन्म देता है, इसके साथ ही व्यक्ति का स्वभाव गुस्सैल और अहंकारी हो जाता है. आज हम पेड़-पौधों से ग्रहों की शांति के बारे में चर्चा करेंगे. धर्म शास्त्रों में नौ ग्रहों की शांति के लिए पौधरोपण करने के बारे में बताया गया है. अगर आपकी कुंडली में कोई अति मारक या नीच का ग्रह है, तो पौधरोपण से उस ग्रह के गलत प्रभाव को कम कर सकते हैं.

इन पेड़ों के पौधे लगाने से मिलेगी ग्रह दोष से मुक्ति

ज्योतिष शास्त्र में शनि, मंगल और राहु केतु को सबसे खराब ग्रह बताया गया है. कहा गया है कि अगर इन ग्रहों का बुरा प्रभाव जिस व्यक्ति पर पड़ता है, उसकी जिंदगी नरक के बराबर हो जाता है. वहीं जिन लोगों पर इन ग्रहों का शुभ प्रभाव पड़ जाता है, उनके जीवन में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है. बताया गया है क पेड़-पौधे लगाने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है. हम बात कर रहे है नीम की, जिसका धार्मिक महत्व भी काफी खास होता है. नीम का पेड़ इतना खास माना जाता है कि इसके पत्तों से लेकर इसकी लकड़ियों तक का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है, इसके साथ ही नीम के इस्तेमाल से शनि और मंगल के दोष दूर हो जाते हैं. नीम के दातुन का इस्तेमाल करने से मंगल का दोष समाप्त हो जाता है और नीम की लकड़ी से हवन करने पर शनि का प्रकोप कम होता है. वहीं नीम की लकड़ी की माला धारण करने से कुष्ठ रोग मिट जाता है.

ग्रह दोष से मुक्ति पाने के लिए लगाएं इन चीजों का पौधा

सूर्य ग्रह: अगर कुंडली में सूर्य ग्रह अति मारक या नीच के हैं और तुला राशि में नीच के हैं, तो आंका, लाल गुलाब, गूलर, कनेर में से एक के सात पौधे लगाएं.

चंद्र ग्रह: अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा नीच के हैं और वृश्चिक राशि में हैं तो पलाश, कनेर, चमेली, हरसिंगार में से एक के सात पौधे लगाएं.

मंगल ग्रह: अगर कुंडली में मंगल देव नीच होकर बैठे हैं और कर्क राशि में विराजमान हैं, तो खैर, गुड़हल, लाल चंदन में से एक के सात पौधे लगाएं.

बुध ग्रह: अगर बुध देव नीच के हैं और मीन राशि में बैठे हैं, तो अपमार्ग, पान, बेला में से एक के सात पौधे लगाएं.

Also Read: Budhwar Ke Upay: आगर आपकी जिंदगी में हर तरफ दिख रहा अंधेरा तो बुधवार के दिन जरूर करें ये आसान उपाय

गुरु ग्रह: अगर बृहस्पति नीच के हैं और मकर राशि में बैठे हैं या अति मारक हैं, तो केला, बेलपत्र, गेंदा, पीपल के पौधे लगाएं.

शुक्र ग्रह: जिनकी कुंडली में शुक्र देव अति मारक या नीच के होकर बैठे हैं और कन्या राशि में विराजमान हैं, तो सफेद चंदन, गूलर, कनेर, तुलसी के सात पौधे लगाएं.

शनि ग्रह: शनि देव अगर नीच के होकर मेष राशि में बैठे हैं, तो बरगद, शमी, वैजंती, पीपल, शीशम, जामुन के सात पौधे लगाएं.

राहु-केतुः राहु के नीच भाव में होने से जो लोग प्रभावित हैं, वे केतु की नीचता से भी प्रभावित होंगे. राहु नीच के होते हैं, तो वे वृश्चिक या धनु राशि में होते हैं और केतु, वृषभ या मिथुन राशि में होते हैं. ये दोनों पूरी कुंडली को प्रभावित करते हैं.

राहु-केतु के दोष से बचने के उपाय: कुंडली में स्थित राहु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए या राहु के कारण आ रही परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए जातक को दूर्वा, चंदन, नीम, अनार, पीपल का पौधा लगाना चाहिए. वहीं केतु दोष से राहत पाने के लिए कुश, अश्वगंधा, बरगद, बेलपत्र, और अनार का पौधरोपण करना चाहिए.


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular