RBI Action: भगवान शंकर की नगरी काशी में रहने वाले बनारसी बाबुओं को एक तगड़ा झटका लगा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बाबा की नगरी वाराणसी के बनारस मर्केंटाइल सरकारी बैंक का लाइसेंस ही रद्द कर दिया है. केंद्रीय बैंक आरबीआई ने इस सहकारी बैंक की बिगड़ती वित्तीय स्थिति को देखते हुए उसका लाइसेंस रद्द कर दिया.
4 जुलाई से बनारस मर्केंटाइल सहकारी बैंक का कामकाज बंद
आरबीआई ने बनारस मर्केंटाइल सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द करते हुए कहा कि वित्तीय स्थिति बिगड़ने की वजह से इस बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. अब यह बैंक 4 जुलाई, 2024 को कारोबारी समय के बाद बैंकिंग कारोबार करना बंद कर देगा. आरबीआई की ओर से उत्तर प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से भी बैंक को बंद करने और एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है.
बैंक बंद होने की स्थिति में ग्राहकों को मिलेंगे 5 लाख रुपये
भारत के केंद्रीय बैंक आरबीआई की ने अपने एक बयान में कहा कि बनारस मर्केंटाइल बैंक की ओर से पेश किए आंकड़ों के अनुसार, 99.98 फीसदी डिपॉजिटर्स जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से अपनी पूरी जमा राशि प्राप्त करने के हकदार हैं. लिक्विडेशन पर प्रत्येक जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमाराशि पर पांच लाख रुपये तक की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा.
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बनारस मर्केंटाइल सहकारी बैंक के पास नहीं है पर्याप्त पूंजी
आरबीआई ने कहा कि बनारस मर्केंटाइल सहकारी बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं. इस बैंक का कामकाज जारी रहना इसके जमाकर्ताओं के हितों में नहीं है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के कारण बैंक अपने जमाकर्ताओं को पूर्ण भुगतान करने में असमर्थ होगा. डीआईसीजीसी ने 30 अप्रैल 2024 तक बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से प्राप्त इच्छा के आधार पर डीआईसीजीसी अधिनियम के प्रावधानों के तहत कुल बीमित जमाराशियों में से 4.25 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है.
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