RBI : पिछले सप्ताह की गिरावट के बाद, 21 जून को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 816 मिलियन डोलर बढ़कर 653.71 बिलियन डोलर हो गया. यह जानकारी शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दी. पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार 2.92 बिलियन डोलर घटकर 652.89 बिलियन डोलर रह गया था. 7 जून को यह भंडार 655.82 बिलियन डोलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था.
स्वर्ण भंडार मूल्य बढ़ा
आरबीआई के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार का मूल्य 988 मिलियन डोलर बढ़कर 56.96 बिलियन डोलर हो गया. रिजर्व बैंक ने यह भी बताया कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 57 मिलियन डोलर घटकर 18.05 बिलियन डोलर रह गया. इसके अतिरिक्त, इसी अवधि के दौरान आईएमएफ के साथ भारत की आरक्षित स्थिति 9 मिलियन डोलर घटकर 4.57 बिलियन डोलर रह गई.
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फोरेन करेंसी एसेट्स पर दिखा असर
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार, 21 जून को समाप्त सप्ताह में फोरेन करेंसी ऐसेट्स (एफसीए) 106 मिलियन डोलर घटकर 574.13 बिलियन डोलर रह गईं. एफसीए कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक बड़ा हिस्सा है और इसे यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में उतार-चढ़ाव को ट्रैक करने के लिए डोलर में मापा जाता है.
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?
विदेशी मुद्रा भंडार एक तरह से देश के बचत खाते की तरह होते हैं जिसका उपयोग केंद्रीय बैंक ऋण को संभालने और मौद्रिक नीति को नियंत्रित करने के लिए करता है. इन भंडारों में आम तौर पर विदेशी मुद्राएं, सरकारी बांड और सोने जैसी विभिन्न परिसंपत्तियां शामिल होती हैं, जिनमें से अधिकांश अमेरिकी डोलर में होती हैं. जब किसी देश के पास कम विदेशी मुद्रा भंडार होता है, तो इसका उसकी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे आयात के लिए भुगतान करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है और वैश्विक स्तर पर अन्य मुद्राओं की तुलना में उसकी मुद्रा का मूल्य कम हो जाता है.
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