Saturday, November 23, 2024
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कब है आषाढ़ कालाष्टमी व्रत? काल भैरव की कृपा से नकारात्मक शक्तियां होंगी दूर, जानें मुहूर्त, शुभ योग

इस समय हिंदू कैलेंडर का चौथा माह आषाढ़ चल रहा है. आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी ति​थि को कालाष्टमी व्रत रखा जाएगा. हर माह में एक बार कालाष्टमी व्रत होता है. उस दिन भगवान शिव के अवतार काल भैरव की पूजा की जाती है. काल भैरव तंत्र और मंत्र के देवता माने जाते हैं. उनकी कृपा से तंत्र और मंत्र की सिद्धियां प्राप्त होती हैं. काल भैरव की पूजा करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि आषाढ़ की कालाष्टमी कब है? कालाष्टमी व्रत की पूजा का मुहूर्त और शुभ योग क्या है?

किस दिन है आषाढ़ कालाष्टमी व्रत 2024?
वैदिक पंचांग के अनुसार, 28 जून दिन शुक्रवार को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर आषाढ़ माह के ​कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी. यह तिथि अगले दिन 29 जून शनिवार को दोपहर 02 बजकर 19 मिनट तक मान्य है. आषाढ़ कालाष्टमी व्रत की पूजा के लिए निशिता मुहूर्त की मान्यता है, इस वजह से आषाढ़ कालाष्टमी का व्रत 28 जून को रखा जाएगा.

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आषाढ़ कालाष्टमी 2024 मुहूर्त
कालाष्टमी व्रत के दिन काल भैरव की पूजा रात के समय में करनी चाहिए. हालां​कि तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए निशिता काल में काल भैरव की पूजा करते हैं. कालाष्टमी व्रत की पूजा के लिए निशिता मुहूर्त 29 जून को देर रात 12:05 ए एम से 12:45 ए एम तक है.

3 शुभ योग में है आषाढ़ कालाष्टमी व्रत
आषाढ़ कालाष्टमी व्रत के दिन 3 शुभ योगों रवि योग, सौभाग्य योग और शोभन योग का निर्माण हो रहा है. उस दिन रवि योग प्रात: 05:26 ए एम से सुबह 10:10 ए एम तक है. वहीं सौभाग्य योग प्रात: काल से लेकर रात 09:39 पी एम तक है, उसके बाद से शोभन योग शुरू होगा. उस दिन पूर्व भाद्रपद नक्षत्र प्रात:काल से लेकर 10:10 ए एम तक है, उसके बाद से उत्तर भाद्रपद नक्षत्र है.

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6 मिनट की है भद्रा
आषाढ़ कालाष्टमी के दिन 6 मिनट की भद्रा लग रही है, जिसका वास पृथ्वी लोक पर है. उस दिन भद्रा का प्रारंभ सुबह 05 बजकर 26 मिनट से हो रहा है, जो सुबह 05 बजकर 32 मिनट पर खत्म हो जाएगा.

कालाष्टमी व्रत का महत्व
हर माह​ के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी व्रत रखा जाता है. नारद पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति काल भैरव की पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. काल भैरव के आशीर्वाद से व्यक्ति के कुंडली में ग्रहों का दोष भी दूर हो सकता है.

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Tags: Dharma Aastha, Religion


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