Vivah Subh Mahurat 2024: मई और जून के महीने में थमे हुए ढोल-नगाड़े और शहनाई की धुन अगले महीने से फिर से गूंजने वाली हैं, क्योंकि सभी मांगलिक कार्य फिर से शुरू होने वाले हैं. हालांकि, जुलाई में विवाह के केवल छह शुभ मुहूर्त ही मिल रहे हैं. वहीं, नवंबर और दिसंबर में शादी विवाह करने के लिए कुल 17 शुभ लग्न होंगे. गुरु ग्रह के अस्त होने, हरिशयनी एकादशी के पहले आने और मासांत दोष के कारण इस वर्ष शुभ लग्न की संख्या कम हो गई है. इसलिए, विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए जुलाई में कम मुहूर्त मिलेंगे. नवंबर और दिसंबर में अधिक शुभ लग्न उपलब्ध होंगे, जिससे इन महीनों में विवाह और अन्य शुभ कार्यों की अधिक संभावना रहेगी. इस प्रकार, वर्ष के अंत में विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए अनुकूल समय रहेगा, जिससे लोग अपने महत्वपूर्ण आयोजनों को सफलतापूर्वक संपन्न कर सकेंगे.
शुभ लग्न की संख्या में भारी कमी
नौ ग्रहों में गुरु और शुक्र का उदय होना आवश्यक माना गया है. लेकिन, 6 मई को गुरु अस्त हो गए, जिसके चलते मई और जून महीने में एक भी शुभ लग्न नहीं था. 17 जुलाई से हरिशयनी एकादशी शुरू हो जाएगी और सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. कर्क संक्रांति के कारण शुभ लग्न की संख्या कम हो जाएगी. नवंबर में मासांत दोष और दिसंबर में खरमास के कारण भी शुभ लग्न की संख्या घट रही है. हरिशयनी एकादशी से चातुर्मास का प्रारंभ हो जाएगा, जिससे शुभ लग्न बंद हो जाएंगे. पिछले साल की अपेक्षा इस साल लगभग 35 शुभ लग्न कम मिल रहे हैं.
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जुलाई से दिसंबर तक ये है लग्न: इस वर्ष के जुलाई, नवंबर और दिसंबर महीनों में कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. जुलाई में 7, 9, 11, 12, 13 और 15 तारीख को शुभ मुहूर्त उपलब्ध होंगे. वहीं, नवंबर में 17, 18, 22, 23, 24, 25 और 26 तारीख को भी शुभ मुहूर्त बनेंगे. दिसंबर में 2, 3, 4, 5, 9, 10, 13 और 14 तारीख को शुभ मुहूर्त रहेंगे.
इन सभी तारीखों में अधिकतर शुभ मुहूर्त गोधूलि बेला से लेकर रात के समय तक बन रहे हैं. इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं. ये मुहूर्त ज्योतिष के अनुसार विशेष रूप से अनुकूल माने गए हैं, जो सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए आदर्श समय प्रस्तुत करते हैं. इस प्रकार, इन महीनों में महत्वपूर्ण आयोजन और संस्कार सम्पन्न किए जा सकते हैं, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और शुभता का संचार होगा.
शुभ मुहूर्त का महत्व
मांगलिक कार्यों के लिए गुरु और शुक्र का उदय होना आवश्यक माना जाता है. क्योंकि धन, वैभव, प्रेम, सौंदर्य और सुख-समृद्धि का संबंध इन ग्रहों से होता है. इसलिए शादी सहित सभी मांगलिक कार्य इन ग्रहों के उदय होने पर ही शुरू होते हैं. गुरु और सुक्र के उदय होने पर हर तरह के शुभ मुहूर्त बनते हैं. साथ ही, यदि रवि और गुरु का संयोग हो तो यह और अधिक सिद्धिदायक और शुभ फलदायी होता है.