वास्तु शास्त्र में रहने के लिए कई खास नियमों का वर्णन मिलता है.गोमुखी स्थान पर रहने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.
Vastu Tips For House : जब बात आती है घर बनाने की या उसमें रहने की, तब वास्तु शास्त्र आपके लिए सहायक सिद्ध होता है. आप वास्तु शास्त्र से जान सकते हैं कि कौन सी जगह आपके घर के लिए ठीक होगी और कहां आपको अपना घर बनाना चाहिए, जिससे घर के लोगों में आपसी प्रेम बना रहे. वास्तु शास्त्र में निवास के लिए गोमुखी स्थान को महत्व दिया गया है. क्यों है ये विशेष? एक्सपर्ट ने इन बातों को प्रमुखता से बताया है. रहने के लिए गोमुखी स्थान क्यों अच्छा है और इससे क्या फायदे हैं? आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
1. गौमुखी स्थान
गाय को हिन्दू धर्म में माता कहा गया है. माता अपने बच्चों का पालन-पोषण किस तरह करती है, यह सभी जानते हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार, जिस जमीन का अग्र भाग संकीर्ण होता है और पीछे का हिस्सा चौड़ा होता है, उसे गौमुखी स्थान कहा गया है.
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2. गौमुखी स्थान के फायदे
आपके सपनों के घर के लिए यह स्थान सबसे अधिक शुभ माना गया है. यह जमीन आपके निवास के लिए सर्वोत्तम मानी गई है. ऐसी जमीन पर बने हुए घर में आपको सुख और शांति की प्राप्ति होती है.
3. कलह या संघर्ष की आशंका नहीं
एक मां अपने बच्चों का हमेशा भला सोचती है और गौमुखी स्थान का लाभ भी कुछ इसी प्रकार मिलता है. इस जमीन पर बने हुए घर दीर्घकालिक निवास के लिए अनुकूल माने जाते हैं, जिससे आपके परिवार में कलह या संघर्ष की आशंका नहीं होती.
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4. सदस्यों के बीच आपसी प्यार और समझ बनी रहती है
गाय को पालन-पोषण का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में गौमुखी भूमि पर रहने से आपका स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहता है. यहां सामंजस्यपूर्ण ऊर्जा का प्रवाह होता है, जिससे परिवार के सदस्यों के बीच आपसी प्यार और समझ बनी रहती है.
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FIRST PUBLISHED : June 22, 2024, 10:46 IST