Saturday, November 23, 2024
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कसम किसे कहते हैं? झूठी कसम खाने से क्या होता है? क्यों नहीं लेना चाहिए झूठी शपथ, जानें इसके बारे में सबकुछ

False or Breaking oath: हमने कई बार लोगों को किसी ना किसी की कसम खाते देखा है. कसम कई जगहों पर इसे सौगंध या शपथ भी कहते हैं. कसम खाने या कहें कि सौगंध लेने की परंपरा आज से नहीं बल्कि युगों-युगों से चली आ रही है. फिर चाहे वो सतयुग हो, त्रेतायुग हो या फिर कलयुग हर युग में कसम खाने की परंपरा चली आ रही है. लेकिन क्या होता है कसम लेना और क्या हां इसके मायने जानें सबकुछ भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.

क्या होता है कसम लेना?
कसम खाना, सौगंध लेना एक पवित्र आचरण और परंपरा है जिसे पूरा करने पर व्यक्ति का कल्याण होता है. वहीं भारत में कसमें देना व स्वयं खाना आज भी लोगों में प्रचलित है. आप हर तिसरे शख्स को कसम देते या लेते देख सकते हैं. क्योंकि यहां लोग अपने आप को निर्दोष साबित करने के लिए और दूसरे को गलत बताने के लिए भी कसम खाने का सहारा लेते हैं.

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कलियुग में बदल गए कसम खाने के मायने
प्राचिन समय में कसम खाना और सौगंध लेना अक्सर एक दूसरे के प्रति प्यार और चिंता जताने के लिए किया जाता था. लेकिन जैसे जैसे समय बदलता जा रहा है वैसे वैसे कसम खाने के मायने भी बदल रहे हैं. आजकल कसम खाना खुद की सत्यता साबित करना मात्र रह गई है. लेकिन आपको बता दें कि कसम वो परंपरा होती है जो तोड़ी ना जाए, वहीं बात-बात में कसम खाना या सौगंध उठाना अच्छी बात नहीं होती है. क्योंकि ऐसा करने वालों पर लोग भरोसा नहीं करते हैं.

कसम के प्रकार
भारतीय समाज में कई तरह की कसमें आज भी लोग खाते हैं, जैसे- अपने बच्चों की कसम, पति की कसम, मां की कसम या अपने किसी प्रियजन की कसम आदि. आपको बता दें कि कई लोग तो गंगा मैया की कसम, रोजी-रोटी की कसम भी खाते हैं.

क्या होता है झूठी कसम खाने से?
गर्ग संहिता और विष्णु पुराण में बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति झूठी कसम खाता है या फिर ली हुई कसम को तोड़ता है तो ऐसे में दोनों को ही जो कसम तोड़ता है या किसी की झूठी कसम खाता है उन्हें नुकसान झेलने पड़ते हैं. वहीं आपको बता दें कि अगर किसी ने जिंदा इंसान की कसम खाई और उसे तोड़ दी या फिर किसी की झूठी कसम खाई तो ऐसे में जिसकी कसम खाई गई है उस इंसान के स्वास्थ्य और आयु को हानि होती है. वह इंसान बहुत बीमार हो सकता है.

कई बार तो ऐसा भी होता है कि कसम तोड़ने या झूठी कसम खाने का प्रभाव इंसान की कुंडली पर भी पड़ता है और ग्रहों के हिसाब से पड़ता है. ऐसे में आपको कभी भी कसम का दुरुपयोग करके अपने और अपनों का जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए.

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सौगंध का इतिहास
राजा हरिश्चंद्र से लेकर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम तक और द्वापर युग में भीष्म पितामह से लेकर भगवान कृष्ण तक सौगंध लेने के कई बड़े और मशहूर घटनाक्रम इस भारत की पवित्र भूमि में सामने आ चुके हैं.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion


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