What Happen After Death: गरुड़ पुराण हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक ग्रंथ है. बता दें कि गरुड़ पुराण में मनुष्य के जीवन, मृत्यु और उसके बाद के सफर यानी मृत्यु के बाद की स्थिति का वर्णन किया गया है. इसके अलावा गरुण पुराण में इंसान के अलग-अलग कर्मों के लिए अलग-अलग दंडों के बारे में भी बताया गया है. गरुड़ पुराण का पठन सामान्यतः किसी व्यक्ति की मृ्त्यु के बाद उसके दाह संस्कार के बाद अगले 13 दिनों तक किया जाता है. लेकिन सोचने वाली बात ये है कि आखिर व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा कहां जाती है और अगर कोई मरने के बाद दोबारा जन्म लेता है तो कब, कहां और कितने दिन बाद लेता है? आइए इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
मृत्यु के बाद कहां जाती है आत्मा?
गरुड़ पुराण के अनुसार, किसी भी व्यक्ति के मरने के बाद उसकी आत्मा एक लंबा सफर तय करती है. सबसे पहले तो आत्मा को यमलोक लेकर जाया जाता है. इसके बाद यमराज के सामने उसके कर्मों का हिसाब-किताब होता है.
अगर आपके कर्म बुरे हैं तो आपकी आत्मा को यमदूत सजा देते हैं. वहीं अगर आपके कर्म आच्छे हैं तो आपका सफर काफी आरामदायक रहता है. आपको बता दें कि मृत्यु के बाद आत्मा को यमराज तक पहुंचने के लिए करीब 86 हजार योजन की दूरी तय करनी पड़ती है.
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पुनर्जन्म कैसे तय होता है?
बता दें कि पुनर्जन्म मृत्यु के 3 दिन बाद से लेकर 40 दिनों के अंदर हो जाता है. गरुड़ पुराण के अनुसार व्यक्ति का पुनर्जन्म उसके कर्म के आधार पर ही निर्धारित होता है क्योंकि पापी व्यक्ति की आत्मा को नरक में भेज दिया जाता है और पुण्य-पवित्र आत्मा को स्वर्ग में भेज दिया जाता है.
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लेकिन जब व्यक्ति की आत्मा अपने कर्मों के हिसाब से सजा भुगत लेती है तो फिर उसे दोबारा दूसरा जन्म मिलता है. अगला जन्म किस योनि में होना है, यह सिर्फ कर्मों के आधार पर ही निर्धारित होता है.
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FIRST PUBLISHED : June 7, 2024, 07:30 IST