Repo Rate: द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधीन काम करने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक 5 जून 2024 से जारी है. आम आदमी के कर्ज की ब्याज दर महंगा होगी या सस्ती या फिर इसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाएगा, इस बात का ऐलान शुक्रवार 7 जून 2024 को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास करेंगे. हालांकि, देश में बढ़ती महंगाई को लेकर बढ़ती चिंता के बीच रेपो रेट में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किए जाने की संभावना भी जाहिर की जा रही है. आरबीआई फरवरी 2023 से रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखे हुए है.
सुबह 10 बजे रेपो रेट का ऐलान करेंगे आरबीआई गवर्नर
विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई की चिंताओं के बीच आरबीआई रेपो रेट में किसी प्रकार का बदलाव नहीं कर सकता है. हालांकि, यूरोपीय सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ कनाडा ने अपनी-अपनी प्रमुख नीतिगत दरों में कटौती शुरू कर दी है. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के विचार-विमर्श के बाद दास सुबह 10 बजे फीसदी की जानकारी देंगे. एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक बुधवार को शुरू हुई.
रेपो रेट में कटौती के आसार कम
विशेषज्ञों ने कहा कि चूंकि आर्थिक वृद्धि में तेजी आ रही है, ऐसे में एमपीसी रेपो रेट में कटौती से बच सकती है. एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मई में पांच फीसदी रहने का अनुमान है. महंगाई का यह आंकड़ा जून 2024 के दूसरे सप्ताह जारी किया जा सकता है.
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फरवरी 2023 से रेपो रेट में नहीं हुआ है बदलाव
विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक की ओर से ब्याज दर (रेपो रेट) में कटौती की उम्मीद नहीं है, क्योंकि महंगाई अब भी चिंता का विषय बनी हुई है. फरवरी, 2023 से रेपो रेट 6.5 फीसदी के उच्चस्तर पर बनी हुई है. अर्थव्यवस्था में तेजी के बीच माना जा रहा है कि एमपीसी ब्याज दरों में कटौती करने से बचेगी. केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 फीसदी किया था और तब से उसने लगातार सात बार इसे यथावत रखा है.
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