Thursday, December 19, 2024
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21 या 6 जून, क्‍या है वट साव‍ित्री के व्रत की सही डेट? जानें व्रत का पूरा व‍िध‍ि-विधान, दीर्घायु होगा सुहाग

Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री का व्रत सुहागनों के ल‍िए एक जरूरी व्रत है. इस व्रत में साव‍ित्री माता की पूजा की जाती है, जो यमराज से अपने पति के प्राण वापस ले आई थीं. पति की लंबी उम्र के ल‍िए रखा जाने वाला ये व्रत मह‍िलाएं पूरी श्रद्धा के साथ हर साल मानती हैं. लेकिन कई अन्‍य त्‍योहारों की तरह इस व्रत की त‍िथि को लेकर भी कन्‍फ्यूजन है. गूगल पर जब आप इस व्रत की डेट डालकर चेक करेंगे तो वट सावित्री व्रत की त‍िथ‍ि 21 जून बताई जा रही है. लेकिन ये तिथ‍ि गलत है. इस साल वट साव‍ित्री का व्रत और पूजा 6 जून को है. ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की अमावस्या को वट सावित्री व्रत किया जाता है. ये त‍िथ‍ि 5 जून को शाम से ही लग जाएगी लेकिन उदया त‍िथ‍ि को मानते हुए इस साल ये व्रत 6 जून को किया जाएगा.

सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी के अनुसार व्रत के संकल्प के साथ महिलाएं सूर्योदय से पहले उठती हैं और एक निर्जला व्रत रखती हैं. वट सावित्री व्रत रखने से पति की उम्र बढ़ती है और परिवार में सौभाग्य का वास होता है. माना जाता है कि जिस तरह सावित्री यमराज से अपने पति सत्यवान को मौत के मुंह से बचाकर लाई थी. विवाहित महिलाएं भी वट सावित्री का व्रत रख अपने पति की आयु बढ़ा सकती हैं.

मान्‍यता है कि सावित्री माता ने अपने पति की लंबी आयु के लिए भगवान यमराज को प्रसन्न किया था. पौराणिक कथा के अनुसार सावित्री ने वनवासी राजा द्युमत्सेन के बेटे सत्यवान से विवाह किया था. इससे पहले नारद जी ने सावित्री को चेताया था कि सत्यवान की आयु आधी है. फ‍िर भी सावित्री ने अपना फैसला नहीं बदला और सत्यवान से शादी कर ली. सावित्री सभी राजमहल के सुख और राज वैभव त्याग कर सत्यवान के साथ उनके परिवार की सेवा करते हुए वन में रहने लगीं. समय आने पर जब सत्यवान को लेने यमराज आए तो सावित्री ने भी अपने पति के साथ यमलोक जाने हठ कर ली. तीन दिन तक वह पति के शरीर के साथ वट वृक्ष के नीचे बैठी रही. यमराज का दिल पसीज गया और उन्होंने सत्यवान को अभयदान दिया.

इस दिन महिलाएं शिवलिंग के आसपास वट वृक्ष की पूजा कर सावित्री माता की कथा का पाठ करती हैं. महिलाएं सामूहिक रूप से वट वृक्ष पर लाल या पीले रंग का धागा लपेटती हैं. वट वृक्ष को धागा बांधने के बाद वृक्ष की परिक्रमा की जाती है. व्रत के पूजन में आम, चना, पूरी, खरबूजा, पुआ आदि सभी चीजों या पकवानों से वट वृक्ष की पूजा की जाती है. माना जाता है कि महिलाओं के पूरी निष्ठा के साथ किए गए व्रत से पति दीर्घायु होता है और परिवार में खुशहाली आती है.

FIRST PUBLISHED : June 2, 2024, 16:35 IST


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